India China Face Off: PM CARES Fund में चाइनीज कंपनियों से लिया गया दान, कांग्रेस ने लगाया आरोप
नयी दिल्ली : भाजपा की ओर से राजीव गांधी फाउंडेशन की फंडिंग पर सवाल उठाये जाने के बाद कांग्रेस ने पलटवार करते हुए रविवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नागरिक सहायता एवं आपात स्थिति राहत कोष (पीएम-केयर्स फंड) में चीनी कंपनियां दान दे रही हैं और पूछा कि जब भारत और चीन के बीच लद्दाख में सीमा पर तनावपूर्ण गतिरोध चल रहा है तो इस रकम को स्वीकार क्यों किया जा रहा है.
नयी दिल्ली : भाजपा की ओर से राजीव गांधी फाउंडेशन की फंडिंग पर सवाल उठाये जाने के बाद कांग्रेस ने पलटवार करते हुए रविवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नागरिक सहायता एवं आपात स्थिति राहत कोष (पीएम-केयर्स फंड) में चीनी कंपनियां दान दे रही हैं और पूछा कि जब भारत और चीन के बीच लद्दाख में सीमा पर तनावपूर्ण गतिरोध चल रहा है तो इस रकम को स्वीकार क्यों किया जा रहा है.
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने बीते छह साल के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ 18 मुलाकातों पर भी सवाल उठाये और पूछा कि उन्होंने चीन को अब तक क्यों हमलावर नहीं कहा. सिंघवी का यह बयान प्रधानमंत्री मोदी के रेडियो पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम के दौरान यह कहने के कुछ घंटों के बाद आया कि लद्दाख में उसकी जमीन पर बुरी नजर रखने वालों को भारत ने उचित जवाब दिया है.
सिंघवी ने कहा, ‘मैं प्रधानमंत्री से अनुरोध करता हूं कि वह कहें कि चीन हमलावर है.’ सिंघवी ने डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘सबसे ज्यादा चिंताजनक और सतर्क करने वाला तथ्य यह है कि प्रधानमंत्री मोदी ने चीनी कंपनियों से अपने (व्यक्तिगत नजर आने वाले) पीएम केयर्स कोष में दान की रकम प्राप्त की.’
उन्होंने कहा, ‘भारत के प्रधानमंत्री चीनी कंपनियों से विवादास्पद और अपारदर्शी तरीके से सैकड़ों करोड़ रुपये का दान स्वीकार कर अपनी स्थिति से समझौता करेंगे तो वह चीनी आक्रामकता के खिलाफ देश की रक्षा कैसे करेंगे? प्रधानमंत्री मोदी को जवाब देने की जरूरत है.’ पीएम केयर्स फंड कोविड-19 महामारी के कारण आने वाली किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के उद्देश्य से इस साल मार्च में बनाया गया था. तब से ही कुछ विपक्षी दलों की यह मांग रही है कि इस फंड में आने वाले दान को सार्वजनिक किया जाए.
सिंघवी ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा के 2007 से ही चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) से संबंध रहे हैं और राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी और अमित शाह जैसे उसके अध्यक्षों का चीन के साथ अधिकतम संपर्क रहा है. उन्होंने दावा किया, ‘भारत के इतिहास में ऐसा कोई राजनीतिक दल नहीं है जिसके अध्यक्षों का बीते 13 वर्षों में चीन के साथ इतना संपर्क रहा है.’
उन्होंने कहा कि जनवरी 2007 और अक्टूबर 2008 में सिंह की सीपीसी से बात हुई, जनवरी 2011 में गडकरी पांच दिन के आधिकारिक दौरे पर चीन गये और शाह ने 2014 की शुरुआत में पार्टी विधायकों के एक प्रतिनिधिममंडल को चीन भेजा. सिंघवी ने कहा कि इस सरकार के लिए लगता है राष्ट्रीय सुरक्षा महत्वपूर्ण नहीं है. उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘इस सरकार के लिए महत्वपूर्ण हैं ‘मैं, मेरा, मेरे लिए’ और राजीव गांधी फाउंडेशन.’
कांग्रेस प्रवक्ता ने मांग की कि मोदी को कहना चाहिए कि ‘चीन ने भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की’ और चौकियों व जमीन पर कब्जा किया. सिंघवी ने कहा, ‘प्रधानमंत्री को कहना चाहिए कि हम समझौता नहीं करने जा रहे और हम चीन को वापस खदेड़ेंगे.’ उन्होंने कहा कि अगर वह ऐसा करेंगे तो विपक्ष समेत पूरा देश उनके पीछे खड़ा रहेगा. पीएम केयर्स कोष का जिक्र करते हुए सिंघवी ने कहा कि खबरों के मुताबिक 20 मई तक इस कोष में 9,678 करोड़ रुपये आये थे. उन्होंने हालांकि इस बारे में और विवरण नहीं दिया.
सिंघवी ने कहा, ‘चौंकाने वाली बात यह है कि चीनी सेनाओं के हमारे क्षेत्र का अतिक्रमण करने के बावजूद प्रधानमंत्री को इस कोष में चीनी कंपनियों से धन प्राप्त हुआ… क्या प्रधानमंत्री जवाब देंगे कि 2013 में चीनी शत्रुता के बावजूद उन्हें इस कोष में चीनी मदद क्यों मिली.’ उन्होंने आरोप लगाया कि इस विवादास्पद कोष में हुवेई ने सात करोड़ रुपये, टिकटॉक ने 30 करोड़ रुपये, पेटीएम ने 100 करोड़ रुपये, शियोमी ने 15 करोड़ रुपये और ओप्पो ने एक करोड़ रुपये दिये.
Posted by: Amlesh Nandan Sinha.