भारत और चीन के बीच आज कोर कमांडर स्तर की बातचीत होगी. बातचीत में पूर्वी लद्दाख के पेंगोंग इलाके से चीनी सैनिकों की वापसी कैसे हो इस पर चर्चा की जायेगी. साथ ही इस क्षेत्र में शांति बहाल किस प्रकार हो सके इसे लकेर बैठक में बातचीत की जायेगी. बता दें कि दोनों देशों के बीच चर्चा का यह पांचवां दौर है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक चीन के मोल्दो इलाके में कोर कमांडर स्तर की यह चर्चा होगी. उम्मीद की जा रही है कि आज 11 बजे से यह चर्चा शुरु हो जायेगी.
बता दें कि इससे पहले लद्दाख में सेनाएं पीछे हटाने को लेकर भारत-चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की चौथे दौर की वार्ता करीब 14 घंटे तक चली थी लेकिन इसमें किसी भी बात पर सहमति नहीं बन सकी थी. ये वार्ता लद्दाख के चुशूल इलाके में हुई थी. दोनों देशों के बीच कोर कमांडर स्तर की बैठक 11 बजे शुरू हुई थी जो रात 2 बजे तक चली थी
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टीओआई ने अधिकारियों के हवाले से लिखा है कि पैंगोंग त्सो लेक और डेपसांग में चीनी सैनिकों (पीपल्स लिबरेशन आर्मी) के पीछे न हटने की दो वजहें हो सकती हैं. पहला, दोनों देशों के बीच 14 जुलाई को सैन्य कमांडर स्तर की चौथे दौर की बातचीत में डिसइंगेजमेंट के जिस प्रक्रिया पर सहमति बनी थी उसे लागू करना चाहिए या नहीं, इसको लेकर चीन अभी भी दुविधा की स्थिति में है.
दूसरा, चीन इस विवाद को खींचकर जाड़े के मौसम तक ले जाना चाहता है.सूत्रों के अनुसार, भारतीय वायुसेना ठंड के मौसम में भी वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगे क्षेत्रों में अलर्ट रहेगी, वहीं भारतीय नौसेना हिंद महासागर में अपनी आक्रामक गश्त लगाएगी. सूत्रों के मुताबिक, भारतीय सेना पूर्वी लद्दाख में लंबे समय तक चलने वाले इस गतिरोध को लेकर विस्तृत तैयारी कर रही है.
पैंगोंग त्सो लेक और डेपसांग दोनों ही भारत और चीन सेनाओं के लिए अहम है, पर भारत के लिए अधिक महत्वपूर्ण इसलिए है कि चीनी सेना ने पैंगोंग त्सो के फ़िंगर 4 से फिंगर 8 तक के इलाक़े पर कब्जा कर लिया है. उसने फिंगर 4 से आगे का रास्ता काट दिया है और भारत के सैनिक फिंगर 4 से आग नहीं जा सकते, वे उसके आगे गश्त नहीं लगा सकते. मौजूदा संकट शुरू होने के पहले भारत के सैनिक फिंगर 4 से फिंगर 8 तक की गश्त लगाया करते थे.
Posted By: Pawan Singh