India China Face off : भारत और चीन की सेनाओं के बीच मंगलवार को यानी आज लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की वार्ता जारी है, ताकि तनाव को कम किया जा सके. यह लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की तीसरी वार्ता होगी. यह चुशूल सेक्टर में एलएसी पर भारतीय जमीन पर होगी. पहली दो बैठकें मोलदो में हुई थी. इसी बीच फ्रांस की रक्षामंत्री ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर गलवान घाटी में शहीद हुए 20 सैनिकों पर दुख जताया है. उन्होंने यह भी कहा कि वह भारत आकर मिलने को तैयार हैं.
इधर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर से फोन पर बात करेंगे. पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के बीच जारी तनाव पर वार्ता में चर्चा होने की उम्मीद. रक्षा मंत्रालय के अधिकारी ने यह जानकारी दी है. आपको बता दें कि भारत-चीन में जारी तनाव के बीच केंद्रीय मंत्री व पूर्व आर्मी चीफ वीके सिंह ने पड़ोसी देश की धोखेबाजी को लेकर नया खुलासा किया है. गलवान झड़प पर उनका कहना है कि उस दिन चीन के सैनिकों के तंबू में अचनाक लगी रहस्यमयी आग से भारतीय सैनिक सतर्क हो गये थे.
वीके सिंह का कहना है कि उस दिन चीन के सैनिकों के तंबू में अचनाक लगी रहस्यमयी आग से भारतीय सैनिक सतर्क हो गये थे. हालांकि, यह कहना मुश्किल है कि चीन के सैनिकों ने तंबू में क्या रखा था, जिससे आग लगी. वीके सिंह का यह दावा अब तक के अनुमान से भिन्न है. उनके दावे को बल इसलिए मिल रहा है कि कुछ रिपोर्ट में कहा गया है कि लद्दाख के गलवान घाटी में कर्नल संतोष बाबू चीन की धोखेबाजी के कारण शहीद हुए थे. इस झड़प में सेना के 20 जवान शहीद हुए थे. चीन के 43 सैनिक भी हताहत हुए थे. सिंह ने साफ शब्दों में कहा कि कोई भी देश युद्ध नहीं चाहता है. चीन को भी पता है कि 1962 वाली भारतीय सेना नहीं है.
French Defence Minister Florence Parly yesterday wrote to her Indian counterpart Rajnath Singh, condoling the death of twenty Indian soldiers in Galwan Valley. (file pics) pic.twitter.com/ocrtGjE7wH
— ANI (@ANI) June 30, 2020
भारत को छह राफेल युद्धक विमानों की पहली खेप 27 जुलाई तक मिलने की संभावना है. इन विमानों से भारतीय वायु सेना की लड़ाकू क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दो जून को फ्रांसीसी समकक्ष फ्लोरेंस पर्ली से बातचीत की थी. बातचीत में उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस महामारी के बावजूद भारत को राफेल जेट विमानों की आपूर्ति निर्धारित समय पर की जाएगी. सैन्य अधिकारियों ने नाम नहीं छापने क अनुरोध के साथ कहा कि राफेल विमानों के आने से भारतीय वायुसेना की समग्र लड़ाकू क्षमता में काफी इजाफा होगा और यह भारत के “विरोधियों” के लिए एक स्पष्ट संदेश होगा.
Posted By : Amitabh Kumar