India China Face Off: मई में ही चीन ने LAC पर बढ़ाई थी सैनिकों की तादात, विदेश मंत्रालय ने कही यह बात
नयी दिल्ली : विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि लद्दाख के गलवान घाटी में चीन ने मई से ही अपने सैनिकों की तादात बढ़ानी शुरू कर दी थी. भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर बताया गया कि मई की शुरुआत से ही चीन LAC (वास्तविक नियंत्रण रेखा) की तरफ भारी मात्रा में सैनिकों और उपकरणों की तैनाती कर रहा है. यह कई तरह के द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन है. इसी के बाद भारत को भी जरूरी कदम उठाने पड़े थे, जिसके बाद तनाव बढ़ा.
नयी दिल्ली : विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि लद्दाख के गलवान घाटी में चीन ने मई से ही अपने सैनिकों की तादात बढ़ानी शुरू कर दी थी. भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर बताया गया कि मई की शुरुआत से ही चीन LAC (वास्तविक नियंत्रण रेखा) की तरफ भारी मात्रा में सैनिकों और उपकरणों की तैनाती कर रहा है. यह कई तरह के द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन है. इसी के बाद भारत को भी जरूरी कदम उठाने पड़े थे, जिसके बाद तनाव बढ़ा.
मंत्रालय की ओर से बताया गया कि मई से ही चीनी सेना का सीमा पर अवैध जमावड़ा शुरू हो गया था. भारत ने सिर्फ ऐहतियाती कदम उठाए. मई की शुरुआत में चीनी पक्ष ने गलवान वैली में भारत की सामान्य पेट्रोलिंग को बाधित करने का प्रयास किया. इस तनातनी पर द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल्स के अनुसार चर्चा हुई. मिलिटरी और राजनयिक माध्यमों से हमने विरोध दर्ज कराया और साफ किया कि इसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.
बताया कि इसके बाद 6 जून को सीनियर कमांडरों की बैठक हुई और पीछे हटने एवं तनाव कम करने पर सहमति बनी. दोनों पक्ष यथास्थति से बरकरार रखने पर सहमत हुए. उसके बाद दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच 17 जून को बात हुई थी और पूरे मामले को जिम्मेदार तरीके से निपटने और तनाव कम करने को लेकर सहमति बनी थी. हम चीनी पक्ष से उम्मीद करते हैं कि बॉर्डर के इलाकों में शांति के लिए इन समझौतों को अमल में लाएं.
मंत्रालय ने कहा कि हाल के दिनों में भारत-चीन बॉर्डर के वेस्टर्न सेक्टर को लेकर हमने अपनी स्थिति साफ की है. 20 जून के बयान में तथ्यों का जिक्र किया गया था और यह बताया गया था कि चीन की तरफ से उठाये गये कदमों की वजह से तनाव बढ़ा और 15 जून को जवानों के बीच झड़प हुई, जिसमें कई हताहत हुए. भारत की सेना ने कभी सीमा का उल्लंघन नहीं किया न कोई भड़काऊ करवाई की.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि कई सालों में दोनों पक्षों का पेट्रोलिंग पैटर्न विकसित हुए है और आशा की जाती है कि अपनी ड्यूटी कर रहे लोगों को रोका नहीं जायेगा. पिछले कई सालों में पेट्रोलिंग को रोकने और यथास्थिति को बदलने की कोशिश की गयी है. जब दोनों पक्ष एक दूसरे से मिलते हैं तो इसके लिए नियमों पर सहमति बनी है. चीन की तरफ से इस बार इन नियमों का खुला उल्लंघन हुआ है.
Posted by: Amlesh Nandan Sinha.