India China Face Off: सेना की वापसी के लिए चीन पर दबाव बनायेगा भारत, आज फिर होगी वार्ता
India China Face Off नयी दिल्ली : वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पिछले कई दिनों से भारत और चीन (India China Face Tension) के बीच तनावपूर्ण माहौल है. इस तनाव को कम करने के लिए दोनों देशों के बीच कई स्तर की वार्ताएं हो चुकी हैं. वहीं, आज एक बार फिर दोनों देशों के बीच दोपहर 12 बजे सैन्य वार्ता (Seventh round of Corps Commander-level talks) होने वाली है. भारत की ओर से इस वार्ता में चीन पर अपने सैनिकों को एलएसी (LAC) से पीछे हटने के लिए दबाव बनाया जायेगा. अब तक की सभी वार्ताओं में कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकल सका है.
India China Face Off नयी दिल्ली : वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पिछले कई दिनों से भारत और चीन (India China Face Tension) के बीच तनावपूर्ण माहौल है. इस तनाव को कम करने के लिए दोनों देशों के बीच कई स्तर की वार्ताएं हो चुकी हैं. वहीं, आज एक बार फिर दोनों देशों के बीच दोपहर 12 बजे सैन्य वार्ता (Seventh round of Corps Commander-level talks) होने वाली है. भारत की ओर से इस वार्ता में चीन पर अपने सैनिकों को एलएसी (LAC) से पीछे हटने के लिए दबाव बनाया जायेगा. अब तक की सभी वार्ताओं में कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकल सका है.
सरकारी सूत्रों ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत की ओर चुशूल में दोपहर 12 बजे वार्ता शुरू होगी. सूत्रों ने बताया कि वार्ता का एजेंडा पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले सभी बिंदुओं से सैनिकों की वापसी के लिए एक रूपरेखा तैयार करना होगा.
चीन अध्ययन समूह (सीएसजी) के शीर्ष मंत्रियों और सैन्य अधिकारियों ने पूर्वी लद्दाख में शुक्रवार को हालात की समीक्षा की थी और सोमवार को होने वाली वार्ता में उठाये जाने वाले प्रमुख मुद्दों पर विचार-विमर्श किया था. सीएसजी में विदेश मंत्री एस जयशंकर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत के अलावा तीनों सेना प्रमुख शामिल हैं.
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सूत्रों ने बताया कि भारत पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर कई रणनीतिक ठिकानों से भारतीय सैनिकों की वापसी के लिए चीन की किसी भी मांग का पुरजोर तरीके से विरोध करेगा. भारत का मानना है कि टकराव वाले सभी बिंदुओं से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया एक साथ शुरू हो. एक सूत्र ने कहा, ‘भारत टकराव वाले सभी बिंदुओं से सैनिकों की पूरी तरह से वापसी पर जोर देगा.’
कौन-कौन शामिल होगा वार्ता में
वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भारतीय सेना की लेह स्थित 14 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह करेंगे और इसमें लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन और विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) नवीन श्रीवास्तव और अन्य शामिल होंगे. दोनों पक्षों ने 21 सितंबर को सैन्य वार्ता के पिछले दौर के बाद कुछ फैसलों की घोषणा की थी जिनमें अग्रिम मोर्चे पर और अधिक सैनिकों को नहीं भेजना, एकपक्षीय तरीके से जमीनी हालात को बदलने से बचना और चीजों को और जटिल बनाने वाली कार्रवाइयों से बचना शामिल है.
उल्लेखनीय है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 10 सितंबर को मास्को में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक से अलग अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ द्विपक्षीय बैठक की थी. दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच बनी पांच सूत्री सहमति के क्रियान्वयन के तरीकों पर बैठक के दौरान चर्चा की गई थी.
Posted By: Amlesh Nandan.