India China Face Off: हथियार खरीदने के लिए भारतीय सेना को मिली बड़ी पावर

नयी दिल्ली : लद्दाख के गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद चीन और भारत के बीच तनाव चरम पर है. ऐसे में नरेंद्र मोदी सरकार ने तीनों सेनाओं को हथियार और गोला-बारूद की खरीद के बड़ा वित्तीय अधिकार दिया है. दोनों देशों के बीच तनाव अगर और अधिक बढ़ता है तो सेना को हथियारों और गोला-बारूद की कमी ना हो इसके लिए यह वित्तीय पावर दिया गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 22, 2020 7:03 AM
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नयी दिल्ली : लद्दाख के गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद चीन और भारत के बीच तनाव चरम पर है. ऐसे में नरेंद्र मोदी सरकार ने तीनों सेनाओं को हथियार और गोला-बारूद की खरीद के बड़ा वित्तीय अधिकार दिया है. दोनों देशों के बीच तनाव अगर और अधिक बढ़ता है तो सेना को हथियारों और गोला-बारूद की कमी ना हो इसके लिए यह वित्तीय पावर दिया गया है.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार तीनों सेनाओं को प्रति प्रोजेक्ट 500 करोड़ रुपये तक का वित्तीय अधिकार दिया गया है. इसका इस्तेमाल हथियार और गोला-बारूद खरीद के लिए किया जा सकता है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि ये अधिकार फास्ट ट्रैक प्रोसीजर के तहत जरूरी हथियारों की खरीद के लिए दिये गये हैं. ऐसा पहले भी किया गया है.

उरी में नक्सली हमले और सर्जिकल स्ट्राइक के समय भी सेना को ऐसे ही वित्तीय अधिकार दिये गये थे. भारतीय वायुसेना ने इन पैसों से कई हथियार खरीदे थे. एयर स्ट्राइक में उनका इस्तेमाल भी किया गया था. वायु सेना ने स्पाइस-2000 एयर टु ग्राउंड स्टैंड ऑफ मिसाइल, स्ट्रम अटाक एयर टु ग्राउंड मिसाइल के साथ-साथ हवा से हवा में मार करने वाली कई मिसाइलों की खरीद की थी.

सरकार ने सेना को दे रखी है पूरी छूट

चीन के साथ लगती 3,500 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनात सशस्त्र बलों को चीन के किसी भी आक्रमक बर्ताव का ‘मुंह तोड़’ जवाब देने की ‘पूरी आजादी’ दी गयी है. आज ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ लद्दाख में हालात पर उच्च स्तरीय बैठक की. इस बैठक में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे, नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने हिस्सा लिया.

शीर्ष सैन्य अधिकारियों को जमीनी सीमा, हवाई क्षेत्र और रणनीतिक समुद्री मार्गों में चीन की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिये गये हैं और चीनी सैनिकों के किसी भी दुस्साहस का मुंह तोड़ जवाब देने के लिए ‘सख्त’ रुख अपनाने को कहा गया है. गौरतलब है कि 15 जून को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीन के साथ हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गये थे और कम से कम 76 सैनिक घायल हो गये थे.

आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है वायु सेना

वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने शनिवार को कहा था कि वायु सेना लक्ष्य को पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्पित है और किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार तथा सही जगह तैनात है. उन्होंने कहा, ‘यह स्पष्ट होना चाहिए कि हम पूरी तरह तैयार हैं और किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिये सही जगह तैनात हैं. मैं देश को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम लक्ष्य को पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं तथा गलवान के अपने शूरवीरों का बलिदान कभी व्यर्थ नहीं जाने देंगे.’

Posted By: Amlesh Nandan Sinha.

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