India China Face off : भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव की स्थिति बनी हुई है. थल सेना जमीन पर तो वायु सेना आकाश से चीन को सबक सिखाने के लिए तैयार है. लद्दाख में जारी तनाव के बीच भारतीय वायुसेना चीन के तिब्बत और शिनजियांग प्रांत में स्थित हवाई ठिकानों पर पैनी नजर बनाए हुए हैं. इन ठिकानों पर चीनी वायुसेना की गतिविधि तेज है जिसे देखते हुए भारत ने फाइटर जेट, बमवर्षक विमान, ड्रोन और अन्य विमान तैयार रखे हैं.
रक्षा सूत्रों की मानें तो चीनी वायुसेना के शिनजियांग स्थित होटान और काशगर, तिब्बत में गरगुंसा, ल्हासा-गोंग्गर और शिगत्से एयरबेस पर नये हथियार या फिर किसी भी बड़े हथियार की तैनाती नहीं की गयी है. इन एयरबेस में से कुछ नागरिक हवाई अड्डे के रूप में कार्यरत हैं. इन सबके बावजूद भारतीय सेना और वायुसेना ने चीन से लगी 3488 किलोमीटर लंबी सीमा पर अपनी ताकत लगा दी है ताकि किसी भी चीनी चाल को मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके.
किसी भी हवाई खतरे का जवाब देने के लिए जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइलों और सैन्य साजो सामान को भी सीमा तक पहुंचाने का काम भारत की ओर से कर दिया गया है. सूत्रों के अनुसार भारत ने लद्दाख में अपने अग्रिम हवाई ठिकाने पर सुखोई-30एमकेआई, मिग-29 और जगुआर बमवर्षक विमानों को तैयार रखा है.
उत्तराखंड में मुनस्यारी-मिलम सड़क पर बीआरओ (बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन) की टीम ने महज छह दिन में भारत को चीन सीमा से जोड़ने वाला नया पुल तैयार कर दिया है. शनिवार को पुल पर पोकलैंड, ड्रोजर और बीआरओ के ट्रक को चलाकर ट्रायल लिया गया. बता दें कि सैनरगाड़ नदी पर बना पुल 22 जून को पोकलैंड ले जा रहे ट्राला के गुजरते समय टूट गया था. मुनस्यारी के धापा में बना यह बैली ब्रिज सामरिक रूप से बेहद अहम है. मिलम से चीन सीमा तक इन दिनों 65 किमी लंबी रोड बनाने का काम तेजी से चल रहा है. इसके लिए पहाड़ों को काटने व मलबा हटाने के काम में आने वाली भारी मशीनों व कंस्ट्रक्शन के सामान को मिलम पहुंचाया जा रहा है. ब्रिज तैयार होने से सेना और आइटीबीपी के जवानों को चीन सीमा तक पहुंचने में काफी राहत मिलेगी. सैन्य जरूरत का सामान भी आसानी से मिलम तक जा सकेगा.
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करीब छह विवादित स्थानों पर चीनी सेना के हजारों सैनिक द्वारा डेरा जमाने के बाद भारत ने भी तीन डिवीजन सेना को लद्दाख सेक्टर में एलएसी पर तैनात कर दिया है. कुछ इलाकों में अब दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं. रक्षा सूत्रों के मुताबिक, मई महीने के पहले सप्ताह से ही एलएसी पर सैनिकों की तैनाती का कार्य उस समय आनन फानन में करना पड़ा जब चीनी सैनिक उत्तरी लद्दाख में गलवान घाटी और देपसांग, मध्य लद्दाख में हाट स्प्रिंग्स, पेंगोंग सो और चुशूल तक तो दक्षिणी लद्दाख में दमचोक और चुमार में आ डटे थे. इधर, पैंगॉन्ग-सो झील के विवादित फिंगर 4 के इलाके में अब भारतीय व चीनी सेनाएं आमने सामने हैं. दोनों के बीच दूरी घट कर 300 से 400 मीटर के बीच रह गयी है.
बातचीत की आड़ में चीन की तैयारी: गलवान घाटी, देपसांग, हॉट स्प्रिंग्स, पैंगॉन्ग-सो और चुशूल तक, दमचोक और चुमार में चीनी सैनिक, तोपखाना, टैंक, मिसाइल और बख्तरबंद वाहन तैनात, भारतीय इलाके में हेलीपैड बनाया.
Posted By : Amitabh Kumar