कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव पर संसद में चर्चा की मांग करते हुए बुधवार को संसद परिसर में प्रदर्शन किया. कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, हम सदन में भारत-चीन के मुद्दे को लेकर चर्चा चाहते हैं, चर्चा अगर नहीं हुई और एकतरफा उत्तर हुआ तो उसका क्या मतलब है? जबकि कांग्रेस सांसद पी चिदंबरम ने कहा, हम चीन पर चर्चा चाहते हैं. घुसपैठ क्यों नहीं रोकी जा रही है? हम सिर्फ यह जानना चाहते हैं कि तैयारियों का स्तर क्या है, चीनी सैनिकों के साथ 16 दौर की बातचीत में पीएलए ने क्या हासिल किया, प्रधानमंत्री ने बाली में चीनी राष्ट्रपति शी से क्या कहा?
सोनिया गांधी ने किया प्रदर्शन का नेतृत्व
कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने इस प्रदर्शन का नेतृत्व किया. इसमें राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी शामिल हुए.
कांग्रेस सहित 12 अन्य विपक्षी दलों ने चीन मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर किया प्रदर्शन
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, जनता दल (यूनाइटेड), शिवसेना, द्रमुक और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी समेत 12 अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने भी संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष हुए इस प्रदर्शन में हिस्सा लिया. विपक्षी नेताओं ने कहा कि सरकार को सीमा पर चीन के अतिक्रमण पर जवाब देना होगा.
विपक्ष ने चीन के साथ झड़प के मुद्दे पर पीएम मोदी से चुप्पी तोड़ने की अपील की
कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने चीन के साथ सीमा पर भारतीय सैनिकों की झड़प के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चुप्पी तोड़ने की मांग की. उन्होंने कहा कि इस विषय पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ‘चुप्पी’ तोड़नी चाहिए.
विपक्षी दल के सांसदों ने दोनों सदनों में कार्यास्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया
विपक्षी दल सात दिसंबर से आरंभ हुए संसद के शीतकालीन सत्र में चीन के मुद्दे पर चर्चा की मांग लगातार कर रहे हैं. दोनों सदनों में कई सांसदों ने कार्यास्थगन प्रस्ताव के नोटिस भी दिए.
9 दिसंबर को तवांग में भारत-चीन के बीच हुआ था झड़प
गौरतलब है कि भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच नौ दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में ताजा संघर्ष हुआ था, जिसमें दोनों तरफ के जवानों को चोटें आई थीं. यह जून 2020 में गलवान घाटी में घातक झड़प के बाद इस तरह की पहली बड़ी घटना थी.