नयी दिल्ली : चीन के साथ तनाव के बीच भारत लगातार अपनी सैन्य ताकत बढ़ा रहा है. दुश्मनों पर निगरानी के लिए भारत ने अमेरिका से दो ड्रोन लीज पर लिये हैं. ये दुश्मनों को टोह लेने में काफी तेज हैं. MQ-9B सीगार्जियन अनमैन्ड एरिअल व्हीकल्स (UAV) से भारत की इंटेलिजेंस, सर्विलांस और दुश्मनों की टोह लेने की क्षमता बढ़ेगी. इस मामले से जुड़े अधिकारियों ने बुधवार को इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इन ड्रोन्स को अमेरिका से एक साल के लिए लीज पर लिया गया है.
इन ड्रोन्स का उत्पादन अमेरिकी कंपनी जनरल ऑटोमिक्स ने किया है. अमेरिका से मंगवाकर इन ड्रोन्स को तिमलनाडु स्थित राजाली नेवल एयर स्टेशन पर तैनात किया गया है. इसी स्टेशन पर इंडियन नेवी के P-8I लॉन्ग रेंज मैरिटाइम टोही विमानों को भी रखा गया है. अधकारियों द्वारा बताया गया कि यूएवी ड्रोन्स नवंबर की शुरुआत में ही भारत आ गये थे और पिछले सप्ताह से ये काम पर भी लग गये हैं. यह पहला उपकरण है जिसे भारत ने लीज पर लिया है.
इसी साल रक्षा मंत्रालय ने हथियारों और उपकरणों की खरीद पर होने वाले खर्च को कम करने के लिए हथियारों और उपकरणों को लीज पर लेने की अनुमति दी थी. इसे डिफेंस एक्वीजिशन प्रोसीजर 2020 का नाम दिया गया है. यूएवी कई आधुनिक सुविधाओं से लैस है. यह 40 हजार फीट की ऊंचाई से ऑपरेट किया जा सकता है. यह ड्रोन लगातार 30 घंटे तक उड़ान भर सकता है. इसमें लगे कैमरे 5000 नॉटिकल माइल्स तक देख सकते हैं.
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भारतीय नौसेना इन ड्रोन्स की मदद से हिंद महासागर के एक बड़े इलाके पर नजर रख सकती है. कुछ यूएवी ऐसे भी हैं जो दुश्मनों को पहचानकर उसपर हमला भी कर सकते हैं. ये आधुनिक हथियारों से लैस हैं. भारत ने ऐसे 30 यूएवी को तैनात करने का प्लान बनाया है. इसके बाद समुद्री क्षेत्र से घुसपैठ के सारे प्रयासों को नाकाम किया जा सकेगा.
Posted By: Amlesh Nandan.