India China Fresh Clash : करीब ढाई महीने के अंतराल के बाद भारत और चीन की सेनाओं ने रविवार को कोर कमांडर स्तर की नौवें दौर की वार्ता की जो करीब 15 घंटे तक चली. इसी बीच एक बड़ी खबर पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) से आ रही है. सूत्रों के अनुसार 3 दिन पहले भारत और चीन के सैनिकों के बीच फिर एक बार झड़प हुई है.
खबरों की मानें तो इस ताजा झड़प में भारत के 4 सैनिक घायल हुए हैं जबकि चीन के 20 सैनिकों को चोट आई है. बताया जा रहा है कि चीनी सैनिक एलएसी पार करने का प्रयास कर रहे थे जिसके बाद भारतीय जवानों से उनकी झड़प हो गई. भारतीय सैनिकों की कार्रवाई के बाद चीनी सैनिक पीछे हटे.
It's clarified that there was a minor face-off between Indian Army & Chinese PLA troops at Naku La, Sikkim on 20th January. It was resolved by local commanders as per established protocols: Indian Army https://t.co/nFLWUNb2kx
— ANI (@ANI) January 25, 2021
भारतीय सेना स्पष्ट किया है कि चीनी सैनिकों के साथ 20 जनवरी को मामूली तकरार हुई थी, जिसे स्थानीय कमांडर ने ही स्थापित प्रोटोकॉल के तहत सुलझा लिया था.
सिक्किम में झड़प : रिपोर्ट के अनुसार एलएसी पर तनाव के बीच सिक्किम में भारत और चीन की सेना के बीच ताजा झड़प हुई है. खबरों की मानें तो तीन दिन पहले सिक्किम के ना कूला में चीनी सेना ने एलएसी की यथास्थिति को बदलने की कोशिश की थी. चीन के कुछ सैनिक भारतीय क्षेत्र में बढ़ने का प्रयास कर रहे थे. इस दौरान भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को रोका जिसके बाद झड़प हुई.
20 जवान हुए थे शहीद: यदि आपको याद हो तो भारत और चीन के बीच पिछले साल 15-16 जून को लद्दाख की गलवान घाटी में झड़प हुई थी. एलएसी पर हुई इस झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल समेत 20 सैनिक शहीद हो गये थे. भारत का दावा है कि चीनी सैनिकों का भी नुक़सान हुआ है लेकिन इसके बारे में चीन की तरफ़ से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया.
उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता : उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के चीन की ओर स्थित मोल्दो सीमावर्ती क्षेत्र में पूर्वाह्न दस बजे शुरू हुई थी. इससे पहले, छह नवंबर को हुई आठवें दौर की वार्ता में दोनों पक्षों ने टकराव वाले खास स्थानों से सैनिकों को पीछे हटाने पर व्यापक चर्चा की थी. वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह स्थित 14 वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन कर रहे थे.
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क्या कहता रहा है भारत : भारत लगातार यह कहता आ रहा है कि पर्वतीय क्षेत्र में टकराव वाले सभी स्थानों से सैनिकों को वापस बुलाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने और तनाव को कम करने की जिम्मेदारी चीन की है. आपको बता दें कि कोर कमांडर स्तर की सातवें दौर की वार्ता 12 अक्टूबर को हुई थी, जिसमें चीन ने पेगोंग झील के दक्षिणी तट के आसपास सामरिक महत्व के अत्यधिक ऊंचे स्थानों से भारतीय सैनिकों को हटाने पर जोर दिया था. लेकिन भारत ने टकराव वाले सभी स्थानों से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया एक ही समय पर शुरू करने की बात कही थी.
50,000 जवान युद्ध की तैयारियों के साथ अभी तैनात : पूर्वी लद्दाख में विभिन्न पवर्तीय क्षेत्रों में भारतीय थल सेना के कम से कम 50,000 जवान युद्ध की तैयारियों के साथ अभी तैनात हैं. दरअसल, गतिरोध के हल के लिए दोनों देशों के बीच कई दौर की वार्ता में कोई ठोस नतीजा हाथ नहीं लगा है. अधिकारियों के अनुसार चीन ने भी इतनी ही संख्या में अपने सैनिकों को तैनात किया है. पिछले महीने, भारत और चीन ने भारत-चीन सीमा मामलों पर ‘परामर्श एवं समन्वय के लिए कार्यकारी तंत्र’ (डब्ल्यूएमसीसी) ढांचा के तहत एक और दौर की राजनयिक वार्ता की थी, लेकिन इस वार्ता में कोई ठोस नतीजा नहीं निकला था.
छठें दौर की सैन्य वार्ता : छठे दौर की सैन्य वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने अग्रिम मोर्चों पर और सैनिक नहीं भेजने, जमीनी स्थिति में बदलाव करने के एकतरफा प्रयास नहीं करने तथा विषयों को और अधिक जटिल बनाने वाली किसी भी गतिविधि से दूर रहने सहित कई फैसलों की घोषणा की थी.
भाषा इनपुट के साथ