India China LAC Clash: अरुणाचल के तवांग में चीनी और भारतीय सैनिकों के झड़प हुई है. ऐसे में इलाके में उपद्रव मचा हुआ है. झड़प का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोगों के भीतर डर बना हुआ है. 9 दिसंबर को अरुणाचल के यांग्त्से में भारत-चीन की झड़प में 34 भारतीय और लगभग 40 चीनी सैनिक घायल हो गए थे, जो अक्टूबर की शुरुआत से बढ़ रहा था जब पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने एलएसी के अपने हिस्से में अपने सैनिकों को दोगुना कर दिया था. इस झड़प का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था.
Arunachal | Locals in Tawang express their gratitude to Indian Army as they continue with their normal lives
— ANI (@ANI) December 15, 2022
A local says, "We feel secure as Indian troops guard the borders well. We don't get scared"
An 11th std student says, "Army guards borders & protects us. Proud of them" pic.twitter.com/yX7lYjPSU6
हालांकि, जब वहां के स्थानीय लोगों से बातचीत की गयी तो उन्होंने भारतीय सेना के प्रति आभार व्यक्त करते हुए बताया कि वे अपने सामान्य जीवन के साथ आगे बढ़ रहे हैं और उन्हें किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ रहा है. मीडिया से बातचीत के क्रम में कहा कि एक स्थानीय व्यक्ति का कहना है कि हम यहां सुरक्षित महसूस करते हैं क्योंकि भारतीय सैनिक सीमाओं की अच्छी तरह से रक्षा करते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि हम डरते नहीं हैं क्योंकि हमारे रक्षक भारतीय सेना के जवान है.
वहीं, इलाके की स्थिति पर 11वीं कक्षा के एक छात्र ने मीडिया को बयान देते हुए कहा कि हमें हमारे सैनिकों पर हमें गर्व है. साथ ही छात्र ने कहा कि सेना सीमाओं की रक्षा करती है और हमारी रक्षा करती है इसलिए हमें उनपर गर्व है. जानकारी हो कि भारत और चीन के बीच बीते 9 दिसंबर को हिंसक झड़प देखने की मिली. सोशल मीडिया पर इसका वीडियो काफी प्रसारित हो रहा है. यह वीडियो नौ दिसंबर की घटना के संदर्भ में सामने आया. लेकिन अधिकारियों ने कहा कि यह वीडियो पुराना है.
Also Read: भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुए RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन, BJP-कांग्रेस में शुरू हुआ ‘ट्विटर वार’अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारत और चीन सैनिकों के मध्य हुई झड़प के बीच भारतीय वायुसेना ने गुरुवार को दो दिवसीय अभ्यास करेंगे. जानकारी के अनुसार, अभ्यास का मकसद भारतीय वायुसेना की समग्र युद्धक क्षमता और इस क्षेत्र में सैन्य तैयारियों को परखना है. हालांकि, भारत और चीन की सेनाओं के बीच ताजा गतिरोध के बहुत पहले इस अभ्यास की योजना बनाई गई थी और इसका इस घटना से कोई संबंध नहीं है.