India China News: रक्षा सूत्रों ने बताया कि भारत और चीन की सेनाओं द्वारा देपसांग और डेमचोक में 80-90 प्रतिशत सैनिकों की वापसी पूरी हो चुकी है. इस प्रक्रिया में सभी प्रकार के बुनियादी ढांचे को हटाना और दोनों पक्षों द्वारा सैनिकों को पीछे हटाना शामिल है. यह प्रक्रिया मंगलवार (29 अक्टूबर) तक पूरी होने की संभावना है.
जयशंकर बोले- चीन के साथ एलएसी पर गश्त समझौते का मतलब यह नहीं कि सब कुछ सुलझ गया
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को एक व्याख्यान में कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त को लेकर चीन के साथ हुए समझौते का यह मतलब नहीं है कि दोनों देशों के बीच मुद्दे सुलझ गए हैं, हालांकि सैनिकों के पीछे हटने से अगले कदम पर विचार करने का मौका मिला है. उन्होंने समझौते का श्रेय सेना को दिया, जिसने बहुत ही अकल्पनीय परिस्थितियों में काम किया.
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एलएसी में भारत-चीन के बीच चार से जारी है गतिरोध
जयशंकर ने पुणे में एक कार्यक्रम में कहा, 21 अक्टूबर को जो समझौता हुआ, उसके तहत देपसांग और डेमचोक में गश्त की जाएगी. इससे अब हम अगले कदम पर विचार कर सकेंगे. ऐसा नहीं है कि सबकुछ हल हो गया है, लेकिन सैनिकों के पीछे हटने का पहला चरण है और हम उस स्तर तक पहुंचने में सफल रहे हैं. कुछ दिन पहले भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास से सैनिकों की वापसी और गश्त को लेकर समझौता हुआ था, जो चार साल से अधिक समय से जारी गतिरोध को समाप्त करने की दिशा में एक बड़ी सफलता है.
2020 में गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुआ था भीषण संघर्ष
जून 2020 में गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच भीषण संघर्ष के बाद संबंधों में तनाव आ गया था. यह पिछले कुछ दशकों में दोनों पक्षों के बीच सबसे गंभीर सैन्य संघर्ष था. उसके बाद सितंबर 2020 से भारत चीन के साथ समाधान निकालने के लिए बातचीत कर रहा था.