India china News: केंद्र सरकार ने टिकटॉक सहित 59 चीनी मोबाइल ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने के एक महीने से भी कम समय बाद देश में संचालित पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के लिंक वाली चीन-आधारित कंपनियों की पहचान की है. केंद्र सरकार के मुताबिक भारत में काम कर रही चीनी कंपनियों पर चीनी सेना के लिए जासूसी करने का शक है. भारत सरकार इन तमाम चीनी कंपनियों पर पैनी नजर रखने के साथ इनकी कुंडली खंगालने में जुटी है.
आने वाले दिनों में इन कंपनियों की जांच भी की जा सकती है. सूत्रों के मुताबिक, चीन की जिन कंपनियों पर भारत सरकार की खास नजर है उनमें कर्नाटक में स्थापित शिंडिया स्टील लिमिटेड, छत्तीसगढ़ स्थित शिनजिंग कैथे इंटरनेशन ग्रुप, चाइना इलेक्ट्रॉनिक्स टेक्नोलॉजी ग्रुप कॉरपोरेशन (सीईटीसी), हुआवे, अलीबाबा व टेनसेंट शामिल हैं. सूत्रों के मुताबिक इन कंपनियों पर सीधे या परोक्ष रूप से चीनी आर्मी से संबंध होने एवं उनके लिए जासूसी करने का शक है.
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टीओआई के मुताबिक, चीन की कंपनियों की तरफ से भारत में किए गए निवेश पर भी सरकार नजर रखे हुई है, क्योंकि इस बात का शक है कि चीन की सेना भारत के खिलाफ यहां से मिले फायदों का इस्तेमाल कर सकती है. मामले से जुड़े शख्स ने कहा कि इन कंपनियों की अभी सिर्फ पहचान की गई है. इनके खिलाफ सरकार कोई एक्शन लेगी या नहीं और क्या एक्शन लेगी, इस पर फैसला होना अभी बाकी है.
जानकारी के मुताबिक, अमेरिकी रक्षा मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, इस कानून के तहत हुआवे, जेडटीई, टिक टॉक जैसी चीनी कंपनियों का सहयोग वांछित हो जाता है. दुनिया के किसी भी कोने में काम करने वाली ये चीनी कंपनियां चीन के राष्ट्रीय इंटेलिजेंस में अपना सहयोग देती है. बदले में चीन की सरकार उन्हें अपनी सुरक्षा और समर्थन देती है. अलीबाबा व टेंसेंट चीन की कंपनी अलीबाबा और टेंसेंट ने भारत की कई स्टार्टअप्स कंपनियों में अपना निवेश किया है, लेकिन दोनों ही कंपनियां चीनी सेना के एआई प्रोग्राम से जुड़ी है और चीन की राष्ट्रीय एआई टीम का हिस्सा है.
Posted By: Utpal kant