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India China News: चीन के साथ RRTS प्रोजेक्ट रद्द कर सकता है भारत, मिलेगी 1126 करोड़ की चोट

India China News, Ladakh face-off, : आज यानी बुधवार को भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद लद्दाख सीमा पर तनाव और ज्यादा बढ़ता दिखाई दे रहा है. अब खबर आ रही है कि भारत चीन के खिलाफ सख्त आर्थिक फैसले ले सकता है. खबरों की मानें तो भारत उन चीनी प्रोजेक्ट को रद्द कर सकता है, जिनमें चीनी कंपनियों ने करार हासिल किया हुआ है. इनमें से एक मेरठ रैपिड रेल प्रोजेक्ट भी है. इस प्रोजेक्ट की बिड भी चीनी कंपनियों ने हासिल की है.

By Shaurya Punj | June 17, 2020 4:34 PM

आज यानी बुधवार को भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद लद्दाख सीमा पर तनाव और ज्यादा बढ़ता दिखाई दे रहा है. अब खबर आ रही है कि भारत चीन के खिलाफ सख्त आर्थिक फैसले ले सकता है. खबरों की मानें तो भारत उन चीनी प्रोजेक्ट को रद्द कर सकता है, जिनमें चीनी कंपनियों ने करार हासिल किया हुआ है. इनमें से एक मेरठ रैपिड रेल प्रोजेक्ट भी है. इस प्रोजेक्ट की बिड भी चीनी कंपनियों ने हासिल की है.

मंगलवार रात ही चीन का दुस्साहस तब सामने आया जब घात लगाकर निहत्थे भारतीय सेना पर पत्थर और कंटीले रॉड से हमला बोल दिया. जिसमें भारत के 23 जवान शहीद हो गए. जिसके बाद देश भर में चीनी उत्पाद और चीनी परियोजना को ठप करने को लेकर केंद्र सरकार पर दवाब बढ़ रहा है। देश के आमजनों से लेकर विपक्षी दलों ने बी केंद्र सरकार से ऐसे सभी प्रोजेक्ट को रद्द करने की मांग की है जिसमें चीन का सहभागिता हो। अब देखना दिलचस्प हो गया है कि केंद्र सरकार चीनी परियोजना पर कौन-सा फैसला करती है.

चीन को मिल सकता है बड़ा झटका, छिन सकता है ये प्रोजेक्ट

बता दें कि पिछले साल RRTS प्रोजेक्ट के लिये निविदा आमंत्रित किये गए थे. जिसमें चीनी कंपनी ने कम बोली लगाकर यह करार अपने पक्ष करने में सफल रही. लेकिन नवंबर में भारत के साथ चीन के रिश्ते भी बेहतर थे. लेकिन अब बदले हुए माहौल में चीन के खिलाफ गुस्सा के कारण चीनी कंपनियों को भुगतना पड़ सकता है। मालूम हो कि मेरठ रेल प्रोजक्ट के तहत दिल्ली से लेकर मेरठ तक हाई स्पीड रेल कॉरिडोर बनाया जाएगा. जो 82.15 किलोमीटर लंबा होगा। इसमें चीनी कंपनी ने 1126 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी. लेकिन अब यह प्रोजेक्ट अधर में लटक सकता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि चीन के आदेश पर झड़प के दौरान भारतीय सैनिकों द्वारा किया गया सर्वोच्च बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. इस मुद्दे पर राष्ट्र को एक संक्षिप्त संबोधन में, प्रधान मंत्री ने कहा कि यदि उकसाया गया तो भारत जवाब देने में सक्षम है.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा “मैं राष्ट्र को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. हमारे लिए, देश की एकता और संप्रभुता सबसे महत्वपूर्ण है. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत शांति चाहता है लेकिन अगर उकसाया गया है तो वह जवाब देने में सक्षम है. लद्दाख में भारत और चीन से जुड़ी हर Latest News in Hindi से अपडेट रहने के लिए बने रहें हमारे साथ.

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