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India China Stand off : हर चीनी चाल को नाकाम करने के लिए इंडियन एयरफोर्स तैयार, देखें ये वीडियो

India China Stand off : भारत की सख्ती के आगे चीन की अकड़ ढीली पड़ गयी है. झुकते हुए ड्रैगन पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में संघर्षवाली जगह से अपने सैनिकों को पीछे हटाने को राजी हो गया है. लेकिन भारत अपने इस पड़ोसी देश पर भरोसा नहीं करता, यही वजह है कि इंडियन एयरफोर्स (Indian Air Force) पूरी मुस्तैदी से अपने काम में लगी हुई है. एयरफोर्स (IAF) का अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर (Apache attack helicopter ) भारत-चीन बॉर्डर के पास एक फॉरवर्ड एयरबेस (forward airbase near India-China border ) पर नाइट ऑपरेशन (night operations) करता हुआ नजर आया है.

भारत की सख्ती के आगे चीन की अकड़ ढीली पड़ गयी है. झुकते हुए ड्रैगन पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में संघर्षवाली जगह से अपने सैनिकों को पीछे हटाने को राजी हो गया है. लेकिन भारत अपने इस पड़ोसी देश पर भरोसा नहीं करता यही वजह है कि इंडियन एयरफोर्स पूरी मुस्तैदी से अपने काम में लगी हुई है. एयरफोर्स का अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर भारत-चीन बॉर्डर के पास एक फॉरवर्ड एयरबेस पर नाइट ऑपरेशन करता हुआ नजर आया है.

यही नहीं इंडियन एयरफोर्स का मिग-29 फाइटर एयरक्राफ्ट और चिनूक हेवीलिफ्ट हेलिकॉप्टर भी भारत-चीन बॉर्डर के पास एक फॉरवर्ड एयरबेस पर नाइट ऑपरेशन करता हुआ दिखा.

आपको बता दें कि चीन की सेना ने सोमवार को गलवान घाटी व गोग्रा हॉट स्प्रिंग से अपने सैनिकों की वापसी भी शुरू कर दी. उसके सैनिक गलवान में गश्ती प्वाइंट 14, 15 व 17 से एक से डेढ़ किमी पीछे चले गये. इन इलाकों से उसने टेंट व अन्य अस्थायी निर्माण को भी हटा लिया है. वैसे चीन अचानक ही रास्ते पर नहीं आया है.

पूर्वी लद्दाख में 15 जून से तनातनी के बाद एलएसी पर सेना की मुस्तैदी, भारत की कूटनीति और लेह से पीएम नरेंद्र मोदी के दो टूक संदेश के आगे चीन की चाल धरी की धरी रह गयी. इस बीच गलवान घाटी से चीन को पीछे धकेलने का जिम्मा मोदी सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को दिया.

इसी कड़ी में डोभाल ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ रविवार को करीब दो घंटे तक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये चर्चा की. इस दौरान गलवान में तनाव कम करने पर सहमति बनी. दोनों देश इस बात पर भी राजी हुए कि मतभेदों पर विवाद खड़ा नहीं करेंगे. साथ ही एलएसी से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया को तेजी से पूरा करेंगे. पश्चिमी क्षेत्र में हालिया घटनाक्रमों को लेकर गहन चर्चा हुई. बातचीत में शांति बहाली के प्रयासों पर जोर रहा. सामरिक, कूटनीति और आर्थिक मोर्चे पर घिरने के बाद चीन के पास पीछे हटने के अलावा कोई चारा भी नहीं था.

इधर, चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि लद्दाख में तनाव घटाने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है. अब आगे से कोई वैसा काम नहीं करेंगे कि विवाद पैदा हो. दोनों देश सकारात्मक सहमति पर पहुंचे हैं. दोनों देशों के सैनिकों के बीच पैंगोंग सो, गलवान घाटी और गोग्रा हॉट स्प्रिंग सहित पूर्वी लद्दाख के कई इलाकों में आठ सप्ताह से गतिरोध जारी है.

Posted By : Amitabh Kumar

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