India-China Standoff : सीमा विवाद को लेकर भारत-चीन के बीच तनाव लगातार बरकरार है. हालांकि, दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को सुलझाने के लिए भारत-चीन के सैन्य अफसरों के बीच अब तक करीब 11 दौर की बातचीत हो चुकी है. बावजूद इसके चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. अब पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर बरकरार तनाव को दूर करने के लिए भारत-चीन के सैन्य अफसरों के बीच शनिवार को एक बार फिर 12वें दौर की बातचीत की जाएगी. दोनों देशों के सैन्य अफसरों की यह बैठक मोल्दो में आयोजित की जाएगी.
सूत्रों के हवाले से मीडिया में आ रही रिपोर्ट के अनुसार, भारत-चीन के सैन्य अफसरों के बीच 12वें दौर की बातचीत शनिवार यानी 31 जुलाई 2021 की सुबह करीब 10.30 बजे होगी. यह बैठक वास्तविक नियंत्रण रेखा के चीन के हिस्से वाले मोल्दो में आयोजित की जाएगी. दोनों देशों के सैन्य अफसरों की इस बैठक का मकसद पूर्वी लद्दाख में जारी तनाव का समाधान निकालना है.
हालांकि, पूर्वी लद्दाख के तनाव का समाधान निकालने के लिए सैन्य अफसरों की वार्ता के लिए चीन की ओर से 26 जुलाई 2021 की तारीख तय की गई थी, लेकिन भारतीय सेना की ओर से कारगिल दिवस की वजह से इस तारीख को आगे बढ़ाने के लिए कहा गया था. भारतीय सेना की ओर से बैठक की तारीख आगे बढ़ाए जाने का आग्रह किए जाने के बाद इसके लिए 31 जुलाई 2021 की तारीख तय की गई.
सूत्रों के हवाले से मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत और चीन के सैन्य अफसरों की बैठक के अगले दौर में देपसांग के मैदानों, गोगरा और गर्म झरनों में मौजूदा विवाद के मसलों पर चर्चा की जा सकेगी. इससे पहले 11वें दौर की वार्ता में दोनों सेनाओं ने पूर्वी लद्दाख के हॉट स्प्रिंग, गोगरा और देपसांग जैसे इलाकों से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया को जल्द आगे बढ़ाने पर जोर दिया था. इन इलाकों में भारत और चीन के सैनिक लगभग 1 साल से आमने-सामने हैं. हालांकि, लगातार हो रही बातचीत के बीच दोनों देश के सैनिक कई इलाकों से धीरे-धीरे पीछे भी हटे हैं.
Posted by : Vishwat Sen