भारत और चीन के बीच कई क्षेत्र में यानी एलएसी के इलाकों में तनाव जारी है. इस बीच खबर है कि असम राइफल्स कुछ ऐसा प्लान तैयार कर रही है जिससे वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की चौकसी बढ़ाई जा सके, साथ ही पूर्वोत्तर में अपने पारंपरिक आतंकवाद विरोधी अभियान को आगे बढ़ा सके. भारत-म्यांमार सीमा की रक्षा करना असम राइफल्स के जिम्मे है जहां पैनी नजर रखी जाती है. इंडियन एक्सप्रेस ने इस बाबत एक खबर प्रकाशित की है. अधिकारियों के हवाले से खबर दी गई है कि पिछले महीने शिलांग में आयोजित असम राइफल्स महानिरीक्षक सम्मेलन के दौरान अन्य विषयों के साथ इस मुद्दे पर भी चर्चा की गई. अगले कुछ महीनों में एलएसी पर तैनाती के लिए असम राइफल्स के 70 प्रतिशत से अधिक सैनिकों को भेजने का प्लान तैयार किया जा रहा है.
असम राइफल्स में 46 बटालियन
असम राइफल्स की बात करें तो इसमें 46 बटालियन हैं और 65,000 से अधिक सैनिक शक्ति के साथ ये देश की सेवा करते हैं. इनमें से 20 बटालियनें भारत-म्यांमार सीमा की सुरक्षा में शामिल हैं और 26 बटालियनें उग्रवाद विरोधी अभियान में अपनी सेवा दे रहे हैं, जिनमें दो जम्मू और कश्मीर में शामिल हैं. असम राइफल्स के नये प्लान को लेकर खबर दी गई है कि चीन की ओर भारत के बढ़ते फोकस और एलएसी को सुरक्षित करने में असम राइफल्स महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है. पिछले तीन वर्षों में – जब से भारत और चीन 2020 में पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर चल रहे सैन्य गतिरोध में आए हैं, रक्षा प्रतिष्ठान ने एलएसी पर सतर्कता बढ़ाने और तैनाती को मजबूत करने के लिए कई उपाय किए हैं.
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पहाड़ों के लिए अपने 4 स्ट्राइक कोर में से 2 फिर से तैयार
बात 2021 की करें तो इस साल चीन के सामने वाले पहाड़ों के लिए अपने 4 स्ट्राइक कोर में से 2 को फिर से तैयार किया गया, चीन पर फोकस करने के लिए सेना को पूर्वोत्तर में उग्रवाद विरोधी भूमिकाओं से मुक्त करना… (असम में स्थित पर्वत ब्रिगेड को छोड़कर) जैसे फैसले किये गये. गौर हो कि स्ट्राइक कोर दुश्मन के खिलाफ सीमा पार आक्रामक कार्रवाई करने के लिए मुख्य तौर पर तैनात किये जाते हैं ताकि दुश्मनों को सबक सिखाया जा सके. सूत्रों के हवाले से खबर दी गई है कि, सेना की पूर्वी कमान के सभी कोर की ऑपरेशनल प्लान में आक्रामक और रक्षात्मक भूमिकाओं के लिए असम राइफल्स शामिल है. यही नहीं हर साल असम राइफल्स के सैनिक अलग-अलग एक्सरसाइज में सेना के साथ अभ्यास करते हैं. अब अगले कुछ महीनों में इसके जवानों को और अधिक टेक्नोलॉजी से लैस करने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए असम राइफल्स तैयारी कर रही है जिसके तहत आधुनिक हथियार, संचार उपकरण और सैन्य वाहन खरीदने की योजना तैयार की जा रही है.