भारत चीन के पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद को लेकर कोर कमांडर स्तर की सोमवार को हुई बैठक 11 घंटे से अधिक चली और फिर सोमवार रात 11:30 मिनट पर समाप्त हुई. यह बैठक सोमवार 12 बजे चुशुल में शुरु हुई थी. सरकारी सूत्रों ने यह बात कही. बैठक में भारत ने बीजिंग से अप्रैल पूर्व की यथास्थिति बहाल करने और विवाद के सभी बिन्दुओं से चीनी सैनिकों की पूर्ण वापसी करने को कहा.
भारत चीन के बीच जारी सीमा विवाद के छह महीने पूरे होने वाले हैं. जबकि विवाद का जल्द समाधान होने के आसार कम ही दिखते हैं क्योंकि भारत और चीन ने बेहद ऊंचाई वाले क्षेत्रों में लगभग एक लाख सैनिक तैनात कर रखे हैं इससे पता चलता है कि दोनों ही देश लंबे समय तक यहां गतिरोध में डटे रहने की तैयारी कर चुके हैं.
हालांकि सोमवार को हुई वार्ता के बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों ने कहा कि एजेंडा विवाद के सभी बिन्दुओं से सैनिकों की वापसी के लिए एक प्रारूप को अंतिम रूप देने का था. भारतीय प्रतिनिधमंडल का नेतृत्व लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और विदेश मंत्रालय में पूर्वी एशिया मामलों के संयुक्त सचिव नवीन श्रीवास्तव कर रहे रहे थे.
ऐसा माना जाता है कि वार्ता में चीनी विदेश मंत्रालय का एक अधिकारी भी चीनी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा है. सूत्रों ने बताया कि वार्ता में भारत ने जोर देकर कहा कि चीन को विवाद के सभी बिन्दुओं से अपने सैनिकों को जल्द और पूरी तरह वापस बुलाना चाहिए तथा पूर्वी लद्दाख में सभी क्षेत्रों में अप्रैल से पूर्व की यथास्थिति बहाल होनी चाहिए.
वहीं सीमा विवाद को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान के बाद चीन भी भारत के साथ सीमा विवाद को इस तरह खड़ा कर रहा है, मानो यह किसी “अभियान” के तहत किया जा रहा है. भारत और चीन के सैनिकों के बीच पांच महीने से ज्यादा समय से पूर्वी लद्दाख में गतिरोध जारी है. उन्होंने कहा कि इन दोनों देशों से लगती सीमाओं पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. भारत और चीन के बीच जहां पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गतिरोध जारी है.
भारत और चीन ने सीमा पर गतिरोध का समाधान करने के लिए राजनयिक और सैन्य स्तर की कई वार्ताएं की हैं, लेकिन तनाव को कम करने को लेकर अब तक कामयाबी नहीं मिली है. सिंह ने कहा कि कोविड-19 के चुनौतीपूर्ण समय में और सीमा पर तनाव तथा पाकिस्तान एवं चीन द्वारा बनाए गए विवाद के बावजूद, भारत न केवल उनका दृढ़ता से सामना कर रहा है, बल्कि विकास के सभी क्षेत्रों में ऐतिहासिक बदलाव ला रहा है.
Posted By: Pawan Singh