India-China standoff, india china news: पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में चीन के साथ चल रही तनातनी का अंत जल्द नहीं होता दिख रहा है. भारत और चीन के रक्षामंत्री के मुलाकात के दो दिन बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास दोनों देशों के सैनिकों में झड़प व गोलीबारी की खबर सामने आई है. सीमा पर हमेशा हेकड़ी दिखाने वाले चीन ने आरोप लगाया है कि एलएसी पर तैनात भारतीय सैनिकों ने गैर-कानूनी तरीके से एलएसी को पार किया और चीनी सीमा पर तैनात सैनिकों पर गोलीबारी की.
फिलहाल स्थिति नियंत्रण में होने का दावा किया गया है. भारत सरकार या भारतीय सेना की तरफ से इस झड़प की खबरों को लेकर फिलहाल कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. इस घटना पर भारतीय सेना का आधिकारिक बयान आना बाकी है. आधिकारिक बयान के बाद ही घटना पर स्थिति साफ होगी. न्यूज एजेंसी एएनआई ने भी कहा है कि एलएसी पर पूर्वी लद्दाख में गोलीबारी हुई है. बताया जा रहा है कि ताजा झड़प लद्दाख के पैंगोग सो लेक के दक्षिणी छोर पर स्थित एक पहाड़ी पर हुई है.
चीन की सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने चीनी सेना के एक प्रवक्ता के हवाले से लिखा है कि हालात को स्थिर करने के लिए चीनी सैनिकों को मजबूर होकर जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी.चीनी सेना के प्रवक्ता सीनियर कर्नल जांग शियूली ने एक बयान जारी कर कहा कि भारतीय सैनिकों ने भारत-चीन सीमा के पश्चिमी हिस्से में एलएसी को पार किया और पंन्गोंग सो लेक के दक्षिणी किनारे के नजदीक शेनपाओ पहाड़ के इलाके में घुस गए.
Firing takes place on LAC in Eastern Ladakh
Read @ANI Story | https://t.co/82bBIpxkNG pic.twitter.com/w3hf8mkL8V
— ANI Digital (@ani_digital) September 7, 2020
इससे दोनों पक्षों में गलतफहमी बढ़ेगी और यह गंभीर सैन्य भड़काऊ की कार्रवाई है. बता दें कि एलएसी के पास दोनों देशों के सैनिकों के बीच बीते कई माह से से तनाव बना हुआ है और दोनों ओर से सैन्य तथा कूटनीतिक स्तर पर स्थिति को सामान्य करने की कोशिश की जा रही है. दो दिन बाद रूस की राजधानी मॉस्को में भारत और चीन के विदेश मंत्री बैठक करने वाले हैं. खास बात यह है कि 1975 के बाद सीमा पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच इस तरह से पहली बार फायरिंग हुई है.
Indian troops' illegal crossing of the LAC on Mon seriously violated agreements reached by China & #India, stirred up tensions in the region, and would easily cause misunderstandings & misjudgments, which is a serious military provocation: spokesperson https://t.co/9A0j8nU5IS
— Global Times (@globaltimesnews) September 7, 2020
इसी साल 14-15 जून की दरम्यानी रात लद्दाख के गलवान घाटी में दोनों देशों के बीच हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिकों की शहादत हुई थी. चीन के भी 40 से ज्यादा जवान मारे गए लेकिन उसने आधिकारिक तौर पर अपने नुकसान पर एक भी जानकारी नहीं दी. गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के दौरान भी चीनी और भारतीय जवानों की ओर से गोलियां नहीं चलाई गई थीं.
रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों देशों की सीमा पर इससे पहले 45 साल पहले गोली चली थी. 20 अक्टूबर 1975 को अरुणाचल प्रदेश के तुलुंग ला में चीन ने असम राइफल की पेट्रोलिंग पार्टी पर धोखे से एम्बुश लगाकर हमला किया था. इसमें चार भारतीय जवान शहीद हुए थे.
Also Read: India china standoff: चीन से वार्ता क्यों जरूरी? विदेश मंत्री को रूस यात्रा रद्द करने को कहें पीएम मोदी: सुब्रमण्यम स्वामी
एलएसी पर ये ताजा विवाद ऐसे समय में पैदा हुआ है जब भारत और चीन के विदेश मंत्री आपस में मिलने वाले हैं. भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर मंगलवार को चार दिवसीय यात्रा पर मॉस्को जा रहे हैं. जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए मॉस्को जा रहे हैं.
आठ सदस्यों वाले शंघाई सहयोग संगठन के भारत और चीन दोनों ही हिस्सा हैं. इस दौरान एस जयशंकर अपने चीनी समकक्ष वांग यी से भी द्विपक्षीय बैठक करेंगे. अभी हाल ही में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह रक्षा मंत्रियों की बैठक में शामिल हुए थे.
Posted By: Utpal kant