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India China Standoff Latest News: इस डर से पैंगोंग से पीछे हट रहा है चीन ? भारतीय जवानों का साहस और पीएम मोदी की…

India China Standoff Latest News: क्या भारत और चीन के बीच जारी तनाव का अंत होने वाला है. दरअसल यह बात इसलिए कही जा रही है क्योंकि पूर्वी लद्दाख में पैंगोग झील के उत्तरी और दक्षिणी छोर पर तैनात भारत और चीन के अग्रिम पंक्ति के सैनिकों ने व्यवस्थित तरीके से पीछे हटना शुरू कर दिया. china agree for disengagement ,pangong ,Lac, ladakh, indian army ,pm modi

क्या भारत और चीन के बीच जारी तनाव (India China Standoff) का अंत होने वाला है. दरअसल यह बात इसलिए कही जा रही है क्योंकि पूर्वी लद्दाख में पैंगोग झील (pangong ,Lac, ladakh) के उत्तरी और दक्षिणी छोर पर तैनात भारत और चीन के अग्रिम पंक्ति के सैनिकों ने व्यवस्थित तरीके से पीछे हटना शुरू कर दिया. यह जानकारी चीन के रक्षा मंत्रालय ने दी है.

इस खबर के बाद अब सवाल यह उठता है कि क्या चीन पर भारत भरोसा करेगा. ऐसा इसलिए क्योंकि 1962 का युद्ध हो या फिर पिछले साल गलवान घाटी की घटना जिसमें हमने 20 जवान खो दिये…दोनों ही मौकों पर चीन ने भारत की पीठ पर छुरा घोंपने का काम किया. खैर ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि भारत का पड़ोसी मुल्क चीन अपनी बात का कितना पालन करता है. हालांकि भारतीय जवानों के साहस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कूटनीति के आगे चीन पस्त होता नजर आ रहा है.

इधर चीन के रक्षा मंत्रालय के द्वारा दी गई इस जानकारी को लेकर भारत के रक्षा मंत्रालय या भारतीय सेना की ओर से चीन के बयान पर कोई आधिकरिक टिप्पणी नहीं आई है, लेकिन घटनाक्रम से अवगत लोगों ने कहा कि दोनों पक्ष टैंक और बख्तरबंद वाहनों जैसी इकाइयों को पीछे हटाने की प्रक्रिया में हैं. घटनाक्रम से अवगत लोगों ने कहा कि टकराव वाले स्थलों से बख्तरबंद इकाइयों की वापसी जैसे विशिष्ट कदमों पर 24 जनवरी को 16 घंटे तक चली नौवें दौर की कोर कमांडर स्तर की वार्ता में गहन चर्चा हुई थी.

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के कार्यालय ने इस बीच, ट्वीट किया कि मंत्री पूर्वी लद्दाख में स्थिति के बारे में गुरुवार को राज्यसभा में बयान देंगे. इसमें कहा गया कि रक्षा मंत्री पूर्वी लद्दाख में मौजूदा स्थिति के बारे में कल राज्यसभा में बयान देंगे. भारतीय रक्षा एवं सैन्य प्रतिष्ठान में प्राधिकार सूत्रों ने चीनी रक्षा मंत्रालय के बयान को खारिज नहीं किया. पूर्वी लद्दाख में स्थिति से अवगत लोगों ने कहा कि दोनों पक्ष पिछले दौर की सैन्य वार्ता में संपूर्ण वापसी के लिए बनी सहमति के अनुरूप अपनी बख्तरबंद इकाइयों को वापस करने की प्रक्रिया में हैं और तस्वीर जल्द स्पष्ट होगी.

इससे पहले, चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सीनियर कर्नल वु कियान ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में पैंगोग सो (झील) के उत्तरी और दक्षिणी किनारों पर तैनात भारत और चीन के अग्रिम पंक्ति के सैनिकों ने बुधवार से व्यवस्थित तरीके से पीछे हटना शुरू कर दिया. उनके इस बयान से संबंधित खबर चीन के आधिकारिक मीडिया ने साझा की है. कियान ने एक संक्षिप्त बयान में कहा कि दोनों देशों के सशस्त्र बलों की अग्रिम पंक्ति की इकाइयों ने 10 फरवरी से पैंगोंग सो के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से व्यवस्थित तरीके से पीछे हटना शुरू कर दिया.

वन चाइना नीति का असर : साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट में एक रिपोर्ट छपी है जिसके अनुसार इस बात के कोई संकेत नहीं है कि दोनों देश एक दूसरे के छोड़े गए इलाके में कब्जा कर माइंड गेम को फिर से बढ़ाने का काम करेंगे. भारत और चीन के बीच यह एक माइंडगेम है जिससे चीन को डर है. चीन को डर है कि कहीं भारत वन चाइना नीति की अपनी स्वीकृति को वापस लेने का काम ना कर ले. चीन इस नीति के तहत हॉन्ग कॉन्ग, ताइवान और तिब्बत को अपना अभिन्न हिस्सा बताते चला आ रहा है. दुनियाभर के देशों के साथ चीन के राजनयिक संबंधों का यह एक आधार भी है. भारत और चीन के बीच जारी तनाव तथा Latest News in Hindi से अपडेट के लिए बने रहें हमारे साथ.

भाषा इनपुट के साथ

Posted By : Amitabh Kumar

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