India China Standoff: LAC पर भारत सर्दियों में भी चीन को देगा मुंहतोड़ जवाब, सेना ऐसे कर रही है तैयारी

India China Standoff: पूर्वी लद्दाख सीमा पर चीन के साथ जारी तनाव के बीच भारतीय सेना हर परिस्थिती से निपटने की तैयारी कर रही है.भारतीय सेना भी LAC पर कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 27, 2020 9:29 PM
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India China Standoff : पूर्वी लद्दाख सीमा पर चीन के साथ जारी तनाव के बीच भारतीय सेना हर परिस्थिती से निपटने की तैयारी कर रही है.भारतीय सेना भी LAC पर कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है और लद्दाख में मुश्किल हालात में भी टिके रहने को अपनी तैयारियों को और पुख्ता करने में जुटी है. भारतीय सेना कई दशकों के अपने सबसे बड़े सैन्य भंडारण अभियान के तहत पूर्वी लद्दाख में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में लगभग चार महीनों की भीषण सर्दियों के मद्देनजर टैंक, भारी हथियार, गोला-बारूद, ईंधन के साथ ही खाद्य और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में लगी हुयी है.

सैन्य सूत्रों के अनुसार शीर्ष कमांडरों के एक समूह के साथ थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे इस विशाल अभियान में निजी तौर से जुड़े हुए हैं. इसकी शुरूआत जुलाई के मध्य में हुयी थी और अब यह पूरा होने जा रहा है. सूत्रों ने कहा कि खासी संख्या में टी -90 और टी -72 टैंक, तोपों, अन्य सैन्य वाहनों को विभिन्न संवेदनशील इलाकों में पहुंचाया गया है. इस अभियान के तहत सेना ने 16,000 फुट की ऊंचाई पर तैनात जवानों के लिए बड़ी मात्रा में कपड़े, टेंट, खाद्य सामग्री, संचार उपकरण, ईंधन, हीटर और अन्य वस्तुओं की भी ढुलाई की है.

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पिछले लगभग पांच महीनों से लद्दाख सरहद पर भारत और चीनी सेना युद्ध (India China Standoff) के मोर्चे पर तैनात नजर आ रही है. भारत ने किसी भी चीनी दुस्साहस से निपटने के लिए पूर्वी लद्दाख में तीन अतिरिक्त सेना डिविजन की तैनाती की है. बता दें कि लद्दाख में अक्टूबर से जनवरी के बीच तापमान शून्य से नीचे पांच डिग्री सेल्सियस से शून्य से 25 डिग्री सेल्सियस नीचे के बीच रहता है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक भारत ने यूरोप के कुछ देशों से सर्दियों के कपड़े आदि आयात किए हैं और पूर्वी लद्दाख में सैनिकों को पहले ही उनकी आपूर्ति की जा चुकी है. क्षेत्र में हजारों टन भोजन, ईंधन और अन्य उपकरणों के परिवहन के लिए सी -130 जे सुपर हरक्यूलिस और सी -17 ग्लोबमास्टर सहित भारतीय वायु सेना के लगभग सभी परिवहन विमानों और हेलीकॉप्टरों का उपयोग किया गया.

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