India China 12th Round Talk: हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा हाइट पर बनेगी बात? भारत और चीनी सेना बैठेगी आमने-सामने
India China 12th Round Talk: आज भारत और चीन (India And China) के मिलिट्री कमांडर्स के बीच 12वें दौर की मीटिंग हो रही है. गौरतलब है कि, बीते लंबे समय से लद्दाख की पूर्वी सीमा पर दोनों देशों के बीच गतिरोध है. हिंसक झड़प भी हो चुकी है.
India China 12th Round Talk: आज भारत और चीन (India And China) के मिलिट्री कमांडर्स के बीच 12वें दौर की मीटिंग हो रही है. गौरतलब है कि, बीते लंबे समय से लद्दाख की पूर्वी सीमा पर दोनों देशों के बीच गतिरोध है. हिंसक झड़प भी हो चुकी है. एसे में उम्मीद की जा रही है कि, इस दौर की बातचीत के बाद तनाव में कुछ कमी आएगी. दोनों देशों के बीच ये बैठक मोल्डो में होगी. इसमें हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा हाइट्स पर चर्चा होने की उम्मीद है.
11 दौर की बातचीत हो चुकी है: गौरतलब है कि, इससे पहले दोनों देशों के बीच 11वें दौर की बातचीत हो चुकी है. अंतिम बार नौ अप्रैल 2021 को भारत और चीन के बीच चुशुल सीमा पर बातचीत हुई थी. 13 घंटों तक चली बातचीत में दोनों ओर से कई मामलों पर वार्ता हुई थी. लेकिन बातचीत ज्यादा कामयाब नहीं रही. क्योंकि, हॉट स्प्रिंग एरिया में जो डिसइंगेजमेंट शुरू हुआ था वो पूरा नहीं हो पाया है. दोनों तरफ की सेना की एक टुकड़ी अभी भी इलाके में तैनात हैं.
सीमा पर तनाव बरकरार: भारत और चीन के बीच काफी समय से सीमा विवाद चल रहा है. एलएसी (LAC) पर मौजूदा समय में दोनों देशों की सेनाएं डटी हैं. 50 से 60 हजार सेना दोनों देशों की तैनात हैं. हालांकि, दोनों ओर की सेना आमने-सामने नहीं हैं, लेकिन एक दूसरे से ज्यादा दूर भी नहीं है. वैसे भी जब तक पूरी तरह डिसइंगजमेंट नहीं हो जाता, तब तक यहां सामान्य स्थिति नहीं हो सकती.
हॉट स्प्रिंग्स कहां है: बता दें, हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र चांग चेनमो नदी के पास उत्तर में है. वहीं, गोगरा पोस्ट चेनमो नदी के हेयरपिन मोड़ के पास स्थित है. यह इलाका काराकोरम रेंज के उत्तरी क्षेत्र में है. आज जो 12वें दौर की बातचीत हो रही है उसमें इस क्षेत्र का भी जिक्र होगा.
बातचीत का मुद्दा: भारतीय सेना के अधिकारियों के मुताबिक 12वें दौर की मीटिंग में भी भारत अप्रैल 2020 से पहले वाली स्थिति बहाल करने पर फोकस करेगा. लेकिन इसबार बात बनेगी इसकी संभावना कम ही दिखती है. जाहिर है दोनों देशों के बीच अभी पूरी तरह डिसइंगेजमेंट नहीं हुआ है. कई इलाकों में सेना अभी भी डटी हुई है. एसे में पहले जैसी स्थिति बहान होने में कापी समय लग सकता है.
क्या है डिस्इंगेजमेंट: दरअसल, डिसइंगेजमेंट एक लंबी प्रक्रिया है. एसी स्थिति तब बनती है जब दोनों देश किसी क्षेत्र विशेष में तैनात अपनी सेना को आपसी सहमति के बाद पीछे हटने का आदेश देते है. यह प्रक्रिया को कई चरणों में पूरा किया जाता है. इस प्रक्रिया में पहले एक देश अपना बंकर या टेंट हटाता है. फिर दूसरा देश भी इस प्रक्रिया को दोहराता है.
Posted by: Pritish Sahay