India China Talk: हॉट स्प्रिंग्‍स, देपसांग और डेमचोक…भारत ने बताया चीन को कहां-कहां से हटना है पीछे

India China Talks Result : बातचीत में मुख्य रूप से हॉट स्प्रिंग्स के मामले पर बात हुई और यहां से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया. कोर कमांडर स्तर की वार्ता का 14वां दौर कल चुशुल-मोल्दो मीटिंग प्वाइंट पर लगभग 13 घंटे तक चला.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 13, 2022 5:30 PM

India China Talks Result : भारत ने बुधवार को चीन के साथ 14वें दौर की सैन्य वार्ता के दौरान, पूर्वी लद्दाख में टकराव के शेष स्थानों से सैनिकों को शीघ्र पीछे हटाने पर जोर देने का काम किया. सूत्रों के अनुसार भारत और चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की वार्ता का 14वां दौर कल चुशुल-मोल्दो मीटिंग प्वाइंट पर लगभग 13 घंटे तक चला. बताया जा रहा है किमीटिंग रात लगभग 10:30 बजे खत्म हुआ. भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व 14 कोर के नए प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता ने किया.

सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने मीटिंग को लेकर बताया कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन की ओर चुशुल-मोल्दो ‘बार्डर प्वाइंट’ पर कोर कमांडर स्तर की वार्ता हुई. बातचीत में मुख्य रूप से हॉट स्प्रिंग्स के मामले पर बात हुई और यहां से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया. बातचीत बुधवार सुबह साढ़े नौ बजे शुरू हुई और यह शाम तक चली.

भारत का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्या सेनगुप्ता ने किया

इस बातचीत में भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्या सेनगुप्ता ने किया जिन्हें लेह स्थित 14वीं कोर का नया कमांडर नियुक्त किया गया है. चीनी पक्ष का नेतृत्व दक्षिण शिंजियांग सैन्य जिले के चीफ मेजर जनरल यांग लिन ने किया. भारतीय पक्ष ने ‘देपसांग बल्ज’ और डेमचोक में मुद्दों को हल करने सहित टकराव वाले शेष स्थानों पर जल्द से जल्द सेना को हटाने पर जोर देने का काम किया.

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तेरहवें दौर की बातचीत

आपको बता दें कि दोनों देश के बीच तेरहवें दौर की बातचीत 10 अक्टूबर 2021 को हुई थी. यह वार्ता गतिरोध के साथ समाप्त हुई थी. दोनों पक्ष इस वार्ता में कोई प्रगति हासिल करने में विफल होते नजर आये थे. भारतीय थल सेना ने वार्ता के बाद कहा था कि उनकी ओर से दिये गये रचनात्मक सुझाव पर चीनी पक्ष ने सहमति प्रकट नहीं की और न ही वह कोई आगे की दिशा में बढने वाला कोई प्रस्ताव पेश कर सका.

गौर हो कि नये दौर की यह बातचीत ऐसे समय हुई जब पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील इलाकों में चीन के पुल बनाने पर भारत ने कहा था कि यह इलाका पिछले 60 वर्षो से चीन के अवैध कब्जे में है.

भाषा इनपुट के साथ

Posted By : Amitabh Kumar

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