India China Tension : भारत और चीन के बीच होकर रहेगा युद्ध ? हाड़ कंपा देने वाली ठंड में भारत के जवान हैं तैनात…

India China Tension : क्या भारत और चीन (india china war) के बीच युद्ध होने की संभावना नजर आ रही है? ऐसा इसलिए कि सात दौर की बातचीत से कुछ भी निकलकर सामने नहीं आया है और शुक्रवार को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) में तनातनी को लेकर भारत और चीन के बीच एक बार फिर कोर कमांडर स्तर की बातचीत जारी है. India China military talks ,General Bipin Rawat war between two country

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 7, 2020 2:24 PM
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क्या भारत और चीन के बीच युद्ध (India China Tension) होने की संभावना नजर आ रही है? ऐसा इसलिए कि सात दौर की बातचीत से कुछ भी निकलकर सामने नहीं आया है और शुक्रवार को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) में तनातनी को लेकर भारत और चीन के बीच एक बार फिर कोर कमांडर स्तर की बातचीत हुई. भारत ने शुक्रवार को कोर कमांडर स्तर की वार्ता के आठवें दौर के दौरान पूर्वी लद्दाख में गतिरोध वाले सभी स्थानों से चीन द्वारा जल्द सैनिकों को पीछे हटाने पर जोर दिया है.

इस बीच भारत ने साफ कर दिया है कि संप्रभुता और अखंडता से कोई समझौता हम नहीं कर सकते हैं. आज की बैठक में सीमा विवाद के समाधान पर चर्चा होनी है. पिछले दिनों चीन ने कुछ इलाकों से हथियार और टैंक वापस लेने का प्रस्ताव दिया था लेकिन भारत ने नकार दिया. भारत ने साफ कर दिया है कि वह सभी विवादित इलाकों से चीनी सेना की पूरी तरह वापसी चाहता है.

इधर रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास हालात अब भी तनावपूर्ण नजर आ रहे हैं. चीन की जनमुक्ति सेना (पीएलए) लद्दाख में अपने दुस्साहस को लेकर भारतीय बलों की मजबूत प्रतिक्रिया के कारण अप्रत्याशित परिणाम का सामना कर रही है. उन्होंने कहा कि हमारा रुख स्पष्ट है कि हम वास्तविक नियंत्रण रेखा में कोई भी बदलाव स्वीकार नहीं चाहते…यदि कोई ऐसा करता है तो भारत इसे स्वीकार नहीं करेगा. आगे रावत ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर हालात अब भी तनावपूर्ण बने हुए हैं. सीमा पर झड़पों और बिना उकसावे के सैन्य कारवाई के बड़े संघर्ष में तबदील होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता.

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आपको बता दें कि पूर्वी लद्दाख में हाड़ जमा देने वाली ठंड में भारत के लगभग 50,000 सैनिक किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पर्वतीय ऊंचाइयों पर तैनात हैं. छह महीने से चले आ रहे इस गतिरोध को लेकर दोनों देशों के बीच पूर्व में हुई कई दौर की बातचीत का अब तक कोई ठोस परिणाम नहीं निकला है. अधिकारियों के अनुसार चीनी सेना ने भी लगभग 50,000 सैनिक तैनात कर रखे हैं. भारत कहता रहा है कि सैनिकों को हटाने और तनाव कम करने की जिम्मेदारी चीन की है. रावत ने साथ ही कहा कि जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान के लगातार छद्म युद्ध और भारत के खिलाफ दुष्ट बयानबाजी के कारण भारत और पाकिस्तान के संबंध और भी खराब हो गए हैं.
भाषा इनपुट के साथ

Posted By : Amitabh Kumar

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