India China Face off: चीन को जवाब देने में भारत सक्षम, बातचीत से मामला नहीं निबटा तो…

India China Face off: भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद तनाव चरम पर है. वास्तविक नियंत्रण रेखा पर दोनों देश की सेना आमने-सामने है. ऐसी खबर है कि बैठक में भारत की ओर से चीन को साफ कह दिया गया है कि सीमा पर पूर्व की स्थिति बहाल होनी चाहिए. चीन भी इसके लिए तैयार है. दोनों देशों के बीच तनाव और भारत की भावी रणनीति को लेकर लेफ्टिनेंट जनरल रामेश्वर रॉय (रिटायर्ड) से प्रभात खबर के राष्ट्रीय ब्यूरो प्रमुख अंजनी कुमार सिंह की बातचीत के प्रमुख अंश :

By दिल्ली ब्यूरो | June 25, 2020 10:50 AM
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India China Face off: भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद तनाव चरम पर है. वास्तविक नियंत्रण रेखा पर दोनों देश की सेना आमने-सामने है. ऐसी खबर है कि बैठक में भारत की ओर से चीन को साफ कह दिया गया है कि सीमा पर पूर्व की स्थिति बहाल होनी चाहिए. चीन भी इसके लिए तैयार है. दोनों देशों के बीच तनाव और भारत की भावी रणनीति को लेकर लेफ्टिनेंट जनरल रामेश्वर रॉय (रिटायर्ड) से प्रभात खबर के राष्ट्रीय ब्यूरो प्रमुख अंजनी कुमार सिंह की बातचीत के प्रमुख अंश :

1. आप मौजूदा विवाद को किस दृष्टि से देखते हैं और इससे निबटने की क्या रणनीति होनी चाहिए?

हमारी अपेक्षा है कि बातचीत से मामला हल हो जाए, लेकिन यदि ऐसा नहीं होता है, तो हमारी तैयारी पूरी है और हम वहां पर डटे रहेंगे. जहां तक रणनीति की बात है, तो हमारी आगे की रणनीति क्या होगी, इस पर अभी बात करना ठीक नहीं होगा. सीमा पर पीछे हटने की बात पर चीन कितना अमल करता है, यह तो सैनिकों के पीछे हटने के बाद ही पता चलेगा. यदि चीनी सैनिक पीछे नहीं हटते हैं, तो उस स्थिति में भारतीय फौज किसी कीमत पर उन्हें आगे बढ़ने नहीं देगी.

2. क्या भारत को चीन के प्रति अपनी राजनीतिक, आर्थिक और सैन्य गतिविधियों में बदलाव करना चाहिए?

भारत की नीति सही है. अभी जो स्टेटस है, उसे बरकरार रखने की जरूरत है. चीन उस स्टेटस को बलपूर्वक खत्म करने की कोशिश करता है, तो हमारी सेना जवाब देने को तैयार है. हमारी प्राथमिकता अभी वहां डटे रहने की है और चीन को वहां से एक कदम भी आगे बढ़ने न दें, इस पर भी है. इसके लिए चीन जैसा वर्ताव करेगा, उसको उसी की भाषा मे जवाब दिया जायेगा.

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3. चीन को जवाब देने के लिए क्या हमारी तैयारी पूरी है?

जहां तक हमारी तैयारी की बात है, तो हम वहां पर और क्या कर सकते हैं और हमारी तैयारी क्या होनी चाहिए, इन बातों पर बाद में विचार किया जा सकता है. अभी हमारी सेना और चीन की सेना आमने-सामने डटी है. भारतीय सेना कंफीडेंट है. चीन ने धोखा दिया है. इसलिए निश्चित रूप से हम अब पहले की तरह उसपर विश्वास नहीं कर सकते हैं.

4. यदि चीन फिर भी वहां से नहीं हटता है, तो भारत को क्या करना चाहिए?

ऐसी बातें करने का अभी समय नहीं है. लोगों के मन में यह बात आती होगी कि चीन नहीं हटता है, तो हम और फोर्स लगाकर उसे बलपूर्वक वहां से हटा दें, लेकिन अभी यह उपयुक्त समय नहीं है. युद्ध भावावेश में नहीं लड़ा जाता है. पूरे विश्व की जो अभी हालात है, उसमें अभी इस तरह की किसी भी कार्रवाई से बचना चाहिए. भारत के पास सबसे अच्छा विकल्प यही है कि हम वहां पर डटे रहें.

5. चीन की दखलंदाजी पाकिस्तान और नेपाल में बढ़ी है, उससे भी भारत के सामने चुनौती खड़ी हो गयी है?

इससे घबराने की जरूरत नहीं है. युद्ध के समय कौन किसका कितना सहयोग करता है, यह उसी वक्त पता चलता है. जहां तक भारत की बात है, तो भारत की सैन्य क्षमता काफी सुदृढ‍ है. हमारी ताकत किसी से कम नहीं है. यदि जरूरत पड़ती है, तो भारत टू फ्रंट वार के लिए भी तैयार है. हमारी फौज के पास बहुत ही क्षमता है.

6. भारत और चीन के बीच सैन्य स्तर पर जो बातचीत चल रही है, उसे आप किस रूप मे देखते हैं?

चीन की ओर से जो संकेत आ रहे हैं, उससे जाहिर होता है कि वह इस मामले को आगे बढ़ाने के मूड में नहीं है. क्योंकि, चीन को भी भारत की शक्ति का अहसास है.

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