गुजरात के गांधीनगर में होने वाली डिफेंस एक्सपो 2022 स्थगित, रक्षा मंत्रालय ने कहा- नई तारीख का एलान जल्द
गुजरात के गांधीनगर में 10 से 14 मार्च तक आयोजित होने वाली डिफेंस एक्सपो 2022 को स्थगित कर दिया गया है. रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
Defence Expo 2022 गुजरात के गांधीनगर में 10 से 14 मार्च तक आयोजित होने वाली डिफेंस एक्सपो 2022 को स्थगित कर दिया गया है. रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि प्रतिभागियों द्वारा अनुभव की जा रही लॉजिस्टिक समस्याओं के कारण गुजरात के गांधीनगर में 10 से 14 मार्च तक आयोजित होने वाले डिफेंस एक्सपो 2022 को स्थगित करने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने कहा कि नई तारीखों के बारे में उचित समय पर सूचित किया जाएगा.
पिछली बार यूपी के लखनऊ में हुआ था डिफेंस एक्सपो का आयोजन
बता दें कि डिफेंस एक्सपो में भारतीय रक्षा मंत्रालय देश की सैन्य ताकत प्रणाली का प्रदर्शन करता है. इसमें दूसरे देश और रक्षा सामान बनाने वाली कंपनियां भी हिस्सा लेती हैं. रक्षा मंत्रालय डिफेंस एक्सपो का आयोजन हर दो साल में करती है. पिछली बार डिफेंस एक्सपो का आयोजन 5 से 9 फरवरी, 2020 को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हुआ था. इसमें कई देशों ने हिस्सा लिया था और 12 लाख से ज्यादा लोग इसे देखने पहुंचे थे और इस आयोजन के दौरान 200 साझेदारियां बनाई गईं, जिसने उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर को जबरदस्त बढ़ावा का काम किया. यह एग्जीबिशन 75000 स्क्वेयर मीटर में फैला हुआ था, जिसमें 1000 से ज्यादा प्रदर्शकों ने हिस्सा लिया था.
Due to logistics problems being experienced by participants, the Defence Expo 2022 proposed to be held in Gandhinagar, Gujarat from March 10th till March 14th is postponed. The new dates will be communicated in due course: Defence Ministry spokesperson pic.twitter.com/EG5lp15Qtu
— ANI (@ANI) March 4, 2022
डिफेंस एक्सपो 2022 को स्थगित करने के पीछे यूक्रेन संकट!
संभावना जताई जा रही है कि यूक्रेन पर रूसी आक्रमण और गहराता संकट डिफेंस एक्सपो 2022 को स्थगित करने का कारण हो सकता है. डिफेंस एक्सपो 2022 के जरिए नरेंद्र मोदी सरकार आत्मनिर्भर भारत के विजन को साकार करने में जुटी है, ताकि 2024 तक 5 बिलियन डॉलर डिफेंस एक्सपोर्ट के टारगेट को हासिल किया जा सके. डिफेंस एक्सपो 2022 का मकसद भारत को जमीन, नेवल, एयर, होमलैंड सिक्योरिटी सिस्टम और डिफेंस इंजीनियरिंग का गढ़ बनाना है. भविष्य के युद्ध के खतरों को देखते हुए इस एक्जीबिशन का जोर संघर्षों पर खतरनाक टेक्नोलॉजी के प्रभाव और जरूरी उपकरणों और प्लेटफार्मों पर उनके परिणामी प्रभाव को पहचानने पर था.