गोटबाया राजपक्षे की फरारी पर भारत की दो टूक, भारतीय उच्चायोग ने कहा – देश छोड़ने के लिए नहीं की कोई मदद

भारत ने बुधवार को मीडिया में आई उन खबरों को निराधार और कयास आधारित बताया कि उसने श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के देश छोड़कर मालदीव जाने में मदद की है. राजपक्षे बुधवार को सेना के एक विमान से देश छोड़कर मालदीव पहुंच गए हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 13, 2022 10:47 AM

कोलंबो/नई दिल्ली : आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने अपने पद से इस्तीफा देने के बाद देश छोड़कर फरार हो गए हैं. वे देश छोड़ने के बाद पत्नी समेत मालदीव पहुंच गए हैं. उधर, भारत ने मीडिया की उन खबरों का खंडन किया है, जिसमें यह कहा गया है कि गोटबाया राजपक्षे को देश छोड़ने में भारत ने मदद की है. भारतीय उच्चायोग ने ट्वीट कर इन खबरों का खंडन किया है. ट्वीट में कहा गया है कि उच्चायोग मीडिया में आई उन खबरों को निराधार और महज अटकल तौर पर खारिज करता है कि भारत ने गोटबाया राजपक्षे को श्रीलंका से बाहर जाने में मदद की है.

सेना के विमान से मालदीव पहुंचे गोटबाया राजपक्षे

भारत ने बुधवार को मीडिया में आई उन खबरों को निराधार और कयास आधारित बताया कि उसने श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के देश छोड़कर मालदीव जाने में मदद की है. राजपक्षे देश की अर्थव्यवस्था को न संभाल पाने के कारण उनके और उनके परिवार के खिलाफ बढ़ते जनाक्रोश के बीच बुधवार को सेना के एक विमान से देश छोड़कर मालदीव पहुंच गए हैं. श्रीलंका के 73 वर्षीय नेता अपनी पत्नी और दो सुरक्षा अधिकारियों के साथ सेना के एक विमान में देश छोड़कर चले गए हैं.

भारतीय उच्चायोग ने किया ट्वीट

श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग ने ट्वीट किया, ‘उच्चायोग मीडिया में आयी उन खबरों को निराधार तथा महज अटकल के तौर पर खारिज करता है कि भारत ने गोटबाया राजपक्षे को श्रीलंका से बाहर जाने में मदद की.’ उसने कहा, ‘यह दोहराया जाता है कि भारत लोकतांत्रिक माध्यमों और मूल्यों, स्थापित लोकतांत्रिक संस्थानों और संवैधानिक रूपरेखा के जरिए समृद्धि एवं प्रगति की आकांक्षाओं को पूरा करने में श्रीलंका के लोगों का सहयोग करता रहेगा.’


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सेना ने विमान मुहैया कराने की बात को स्वीकारा

श्रीलंका की वायु सेना ने एक संक्षिप्त बयान में कहा कि सरकार के अनुरोध पर और संविधान के तहत राष्ट्रपति को मिली शक्तियों के अनुसार रक्षा मंत्रालय की पूर्ण स्वीकृति के साथ राष्ट्रपति, उनकी पत्नी और दो सुरक्षा अधिकारियों को 13 जुलाई को कातुनायके अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से मालदीव रवाना होने के लिए श्रीलंकाई वायु सेना का विमान उपलब्ध कराया गया. ऐसा बताया जा रहा है कि राजपक्षे नई सरकार द्वारा गिरफ्तारी की आशंका से बचने के लिए इस्तीफा देने से पहले विदेश जाना चाहते थे. बता दें कि 2.2 करोड़ की आबादी वाला देश सात दशकों में सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहा है, जिसके कारण लोग खाद्य पदार्थ, दवा, ईंधन और अन्य जरूरी वस्तुएं खरीदने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

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