भारत के इस स्पेशल फोर्स के सामने बौनी है चीनी सेना ! लद्दाख में किये गये तैनात, जानें इसकी ताकत
India-China border dispute, Indo-China face-off , Galwan Valley Ladakh, Indo-China violent face-off , लद्दाख के गलवान घाटी में 15 जून को हुई हिंसक झड़प के बाद भारत और चीन के बीच तनाव चरम पर है. चीन को सबक सिखाने के लिए भारत ने इस बार पूरी तैयारी कर ली है. मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार भारत ने लद्दाख में एक खास फोर्स को चीनी सेना से लोहा लेने के लिए उतारा है.
नयी दिल्ली : लद्दाख के गलवान घाटी में 15 जून को हुई हिंसक झड़प के बाद भारत और चीन के बीच तनाव चरम पर है. चीन को सबक सिखाने के लिए भारत ने इस बार पूरी तैयारी कर ली है. मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार भारत ने लद्दाख में एक खास फोर्स को चीनी सेना से लोहा लेने के लिए उतारा है.
बताया जा रहा है कि भारत ने लद्दाख में चीन से लगती 3500 किलोमीटर की सीमा पर माउंटेन फोर्स को मोर्चे पर उतारा है. ये फोर्स ऊचांईयों में लड़ने के लिए माहिर हैं. रक्षा मंत्री ने इस बार भारतीय सेना को चीन की हर हरकत का करारा जवाब देने का आदेश दे दिया है. वैसे में भारतीय सेना का मनोबल बढ़ा हुआ है.
विशेषज्ञों के अनुसार माउंटेन फोर्स को उत्तरी फ्रंट पर लड़ने के लिए प्रशिक्षित किया गया है. इन फोर्स की खासियत है कि ये पहाड़ी क्षेत्रों में गुरिल्ला युद्ध के लिए ट्रेंड हैं. करिगल युद्ध में माउंटेन फोर्स ने अपने शौर्य का परिचय दिखा दिया था.
एक पूर्व आर्मी चीफ के अनुसार पहाड़ों पर युद्ध करना खासा मुश्किल होता है. लेकिन माउंटने फोर्स को खास इन्हीं इलाकों के लिए ट्रेंड किया जाता है. ये उत्तराखंड, लद्दाख, गोरखा, अरुणाचल और सिक्किम की पहाड़ियों में युद्ध करने में माहिर हैं. पूर्व आर्मी चीफ के अनुसार पहाड़ों पर निशाना चूक जाने की आशंका अधिक होती है. वैसे में माउंटने फोर्स को उतारने से चीन के खिलाफ सेना को बड़ी ताकत मिल गयी है.
गौरतलब है भारत सरकार ने सशस्त्र बलों को चीन के किसी भी आक्रामक बर्ताव का मुंह तोड़ जवाब देने की पूरी आजादी दे दी है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ हुई उच्च स्तरीय बैठक के बाद यह आदेश दिया गया.
पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को चीन के साथ हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिकों के शहीद होने के बाद भारत ने चीन से लगती सीमा पर अग्रिम इलाकों में लड़ाकू विमान और हजारों की संख्या में अतिरिक्त सैनिकों को भेजा है. भारत सरकार ने सशस्त्र बलों को चीनी सैनिकों के किसी भी दुस्साहस का मुंह तोड़ जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार रहने को कहा गया है और सीमा की रक्षा के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे है.
भारतीय वायु सेना ने पिछले दिनों लेह और श्रीनगर सहित वायु सेना के अहम अड्डों पर सुखोई 30 एमकेआई, जगुआर, मिराज 2000 विमान और अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर तैनात कर दिए हैं. वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने कहा था कि भारतीय वायु सेना चीन के साथ लगती सीमा पर किसी भी सुरक्षा चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है और उपयुक्त जगह पर तैनात है.
मालूम हो भारत और चीन की सेनाओं के बीच पांच मई से पूर्वी लद्दाख के गलवान और कई अन्य इलाकों में गतिरोध जारी है. पांच मई को पैंगोग त्सो के तट पर दोनों पक्षों के बीच झड़प हुई थी. पूर्वी लद्दाख में पांच और छह मई को करीब 250 चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच संघर्ष के बाद हालात बिगड़ गए थे.
सीमा पर तनाव कम करने के लिए जारी है लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की वार्ता
भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में दोनों पक्षों के बीच तनाव को कम करने के रास्तों पर चर्चा करने के लिए लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की बातचीत जारी है.