नयी दिल्ली : चीन की हरकतों पर नजर रखने के लिए भारत ने सीमा पर ड्रोन तैनाती का फैसला किया है. इजरायली ड्रोन हेरॉन को चीन से सटे एलएसी पर तैनात किया जा सकता है, जिससे चीन के नापाक मंसूबों की जानकारी मिल सके. सरकार ने यह फैसला चीन द्वारा लगातार किए जा रहे घुसपैठ की कोशिश के बाद लिया है.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार केंद्र सरकार ने चीन सीमा से सटी अपनी सीमा पर ड्रोन तैनात करने करने का फैसला किया है. .यह ड्रोन भआरत चीन सीमा के प्वाइंट की निगरानी करेगा. भारत और चीन से की तकरीबन 3500 किमी की सीमा है.
क्यों लिया फैसला– केंद्र सरकार ने यह फैसला सुरक्षा दृष्टिकोण से लिया है. सरकार ने पिछले दिनों मिलिट्री ऑपरेशन के डीजी ले.ज. परमजीत सिंह और आईटीबीपी के जनरल एसएस देशवाल के एलएसी दौरा के बाद लिया है, जिसमें सुरक्षा व्यवस्था के बारे में जिक्र किया गया है.
30 हजार फीट ऊंचाई की निगरानी– ड्रोन हेरॉन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह 30 हजार फीट निगरानी कर सकती है. इसको लगाने से सबसे बड़ा फ़ायदा यह है कि एलएएसी के पास ऊंची पहाड़ियों पर भी चीन की निगरानी किया जा सकेगा.
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2015 में खरीदारी- सरकार ने 2015 में इसकी खरीदारी की है. यह ड्रोन इजरायल में बना है. बताया जा रहा है कि यह ड्रोन मिसाइल से लैस होता है. इस ड्रोन की तुलना अमेरिका के प्रिडेटर और रीपर ड्रोन से की जाती है. इजरायल में हेरॉन टीपी ड्रोन इटियन के नाम से जाना जाता है.
नरवणे करेंगे बैठक– थल सेना प्रमुख आज लेह के लिए रवाना हो गये हैं. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार आर्मी चीफ वहां पर 14वीं कोर के सैन्य अफसरों के साथ हालात का जायजा लेंगे. साथ ही वे हालात और स्थिति पर समीक्षा करेंगे. वहीं आज फिर चीन और भारत के सैन्य अधिकारियों के बीच बातचीत हो सकती है.
चीन का कबूलनामा– चीन ने कहा है कि गलवान घाटी के हिंसक झड़प में उसके भी एक कमांडेंट मारा गया. चीन इससे पहले, झड़प में कितने सैनिक हताहत हुए थे, इसकी जानकारी नहीं दी थी. बताया जा रहा है कि इस हिंसक झड़प में चीन के तकरीबन 40 जवान हताहत हुए हैं.
Posted By: Avinish Kumar Mishra