भारत को कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में एक और बड़ी सफलता हाथ लगी है. भारत बायोटेक की इंट्रा-नेजल वैक्सीन iNCOVACC को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) की मंजूरी मिल गयी है. CDSCO वैक्सीन को आपातकालीन स्थिति मे इस्तेमाल के लिए हरी झंडी दे दी है.
iNCOVACC दुनिया की पहली इंट्रा-नेजल वैक्सीन, जिसे इस्तेमाल के लिए मिली मंजूरी
भारत बायोटेक की इंट्रा-नेजल वैक्सीन iNCOVACC दुनिया की पहली वैक्सीन बन गयी है, जिसे आपातकालीन इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिल गयी है.
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India-made iNCOVACC, world's first intra-nasal vaccine to receive approval for both primary series, Heterologous booster
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— ANI Digital (@ani_digital) November 28, 2022
iNCOVACC को हेट्रोलॉगस बूस्टर के लिए मंजूरी
iNCOVACC इंट्रा-नेजल वैक्सीन को हेट्रोलॉगस बूस्टर के लिए मंजूरी मिल गयी है. इस बूस्टर डोज को वे भी ले सकेंगे, जो कोविशील्ड और कोवैक्सीन डोज पहले से ले चुके हैं.
18 साल या उससे ज्यादा उम्र के लोगों को दिया जा सकता है डोज
कंपनी ने बताया इंट्रा-नेजल वैक्सीन को 18 साल या उससे ज्यादा उम्र के लोगों को दिया जा सकता है. भारत में इसे आपात स्थिति में नियंत्रित उपयोग की मंजूरी मिल गई है. इस वैक्सीन का इस्तेमाल प्राइमरी सेकेंड डोज और हेट्रोलॉगस बूस्टर डोज के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है.
इंट्रा-नेजल वैक्सीन के तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल
भारत बायोटेक कंपनी ने बताया कि iNCOVACC इंट्रा-नेजल वैक्सीन के तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल भी किया गया. इसके लिए 4 हजार वॉलंटियर्स को लेकर ट्रायल किया गया. जिसमें अबतक कोई भी साइड इफेक्ट भी नहीं आया है. कंपनी की ओर से बताया गया इनकोवैक दुनिया का पहला ऐसा टीका है जिसे प्राथमिक सीरिज में और हेट्रोलोगस बूस्टर खुराक दोनों के रूप में मंजूरी मिली है. इसे खास तौर से नाक में ड्रॉप (बूंद) के जरिए डालने के लिए विकसित किया गया है. भारत बायोटेक का कहना है कि नाक के माध्यम से दिए जाने वाले इस टीके को खास तौर से कम और मध्यम आय वाले देशों के हिसाब से बनाया गया है.