India fight corona: उन अधिकारियों के बारे में जानिए जो देश को हर रोज महामारी के बारे में दे रहे अपडेट
देश में कोरोना वायरस के गहराते संकट के बीच आजकल मोदी सरकार के चार अधिकारियों के प्रेस कान्फ्रेंस का हर रोज सबको इंतजार रहता है.
दुनिया भर के लिए एक बड़ी चुनौती के तौर पर उभरे कोरोना वायरस को लेकर तो देश में कई एक्शन लिए गये, बावजूद इसके भारत में ये वायरस तेजी से पांव पसार रहा है. बीते चार दिनों में इसकी रफ्तार डराने वाली है. इस संकट की घड़ी में लोगों तक कोरोना से जुड़ी सही सूचना पहुंचाने के लिए देश के 4 अधिकारी काफी मेहनत कर रहे हैं. ये अधिकारी हर दिन कोरोना वायरस से जुड़ें अपडेट देश के सामने रखते हैं. क्या आपको पता है कि वो चार अधिकारी कौन हैं. नहीं पता तो हम आपको बताते हैं. ये अधिकारी हैं- स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल, गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव पुण्य सलीला श्रीवास्तव, प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो यानी पीआईबी के डायरेक्टर जनरल के. एस. धतवालिया और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के महामारी रोग विभाग के प्रमुख डॉक्टर रमन आर. गंगाखेड़कर. इन सभी के बारे में आपको विस्तार से बताते हैं.
Also Read: कोरोना संक्रमित ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन की हालत बिगड़ी, आइसोलेशन वार्ड से भेजे गये ICU डॉक्टर रमन आर. गंगाखेड़करडॉक्टर रमन आर. गांगाखेड़कर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) में महामारी और संक्रामक बीमारियों के विभाग के प्रमुख हैं. इन्होंने मेडिकल क्षेत्र में कई अहम रिसर्च किए हैं. डॉ. गंगाखेडकर नेशनल एड्स रिसर्च इंस्टिट्यूट पुणे के असिस्टेंट डायरेक्टर भी रह चुके हैं. उन्होंने 1981 में गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, औरंगाबाद से मेडिसिन में एमबीबीएस किया था. इसके बाद उन्होंने इसी संस्थान से 1983 में पेडियाट्रिक्स में डिप्लोमा इन चाइल्ड हेल्थ का कोर्स किया. 1996 में उन्होंने अमेरिका के प्रतिष्ठित जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी से एमपीएच यानी मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ की डिग्री हासिल की. जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी अभी कोरोना के लेकर हर रोज डेटा जारी कर रही है.
1996 बैच के आंध्र प्रदेश काडर के आईएएस अधिकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव हैं. वह मूल रूप से यूपी के रहने वाले हैं. 2016 में उन्होंने स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव का पदभार संभाला. उससे पहले वह आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में स्वास्थ्य मंत्रालय समेत कई अहम जिम्मेदारियों को निभा रहे थे. वह आईआईटी दिल्ली से बीटेक किए हुए हैं. आईआईटी-दिल्ली से 1993 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग करने के बाद लव ने बाद में सिविल सर्विसेज परीक्षा पास की. शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में लीक से हटकर चलाई गई कई योजनाओं से कारण लव अग्रवाल सुर्खियों में रहे. 46 वर्षीय लव अग्रवाल के जिम्मे स्वास्थ्य मंत्रालय में ग्लोबल हेल्थ, मेंटल हेल्थ, टेक्नोलॉजी, पब्लिक पॉलिसी की जिम्मेदारी है. लव अग्रवाल ने इस साल जनवरी में जी20 देशों के हेल्थ वर्किंग ग्रुप के सम्मेलन में मोदी सरकार की आयुष्मान भारत योजना का प्रजेंटेशन दिया था.
पुण्य सलीला श्रीवास्तव1993 बैच के अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम ऐंड यूनियर टेरिटरीज काडर पुण्य सलीला श्रीवास्तव फिलहाल केंद्रीय गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव (नारी सुरक्षा) के पद पर तैनात हैं. इनकी गिनती देश के तेजतर्रार महिला अधिकारियों में होती है. यही वजह है कि मई 2018 में जब पहली बार गृह मंत्रालय में नारी सुरक्षा का अलग से विभाग बनाया गया तो इसकी जिम्मेदारी संभालने के लिए उन्हें चुना गया. केंद्रीय गृह मंत्रालय में नियुक्ति से पहले वह दिल्ली में एजुकेशन ऐंड ट्रेनिंग डिपार्टमेंट में सेक्रटरी के तौर पर काम कर रही थीं. वो यूपी के प्रयागराज की रहने वाली हैं. पुण्य सलीला ने दिल्ली से स्नातक और परास्नातक किया है.
के. एस. धतवालियाके. एस. धतवालिया प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो यानी पीआईबी के डायरेक्टर जनरल के साथ-साथ देश के प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थान इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन( आईआईएमसी) के भी डायरेक्टर जनरल हैं. पिछले साल अक्टूबर में वह पीआईबी के 28वें डीजी यानी सरकार के प्रधान प्रवक्ता बने. धतवलिया भारतीय सूचना सेवा यानी इंडियन इन्फॉर्मेशन सर्विस (IIS) के 1984 बैच के अधिकारी हैं. वह सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में डीजी (अनुसंधान और प्रशिक्षण), गृह मंत्रालय में महानिदेशक (मीडिया और संचार) के पद को भी संभाल चुके हैं.