Hydrogen Train: भारत, जो अब चांद पर पहुंचने वाले चुनिंदा देशों की एलीट सूची में शामिल हो चुका है, जल्द ही रेलवे क्षेत्र में भी एक बड़ी उपलब्धि हासिल करने जा रहा है. देश को जल्द ही हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन मिलने की उम्मीद है. यह ट्रेन दुनिया के सिर्फ चार देशों में चलती है, और अब भारत पांचवां देश बनने जा रहा है.
माना जा रहा है कि हाइड्रोजन ट्रेन का संचालन भारत को नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य प्राप्त करने में भी सहायता करेगा. हाल ही में भारतीय रेलवे ने मौजूदा डीजल इलेक्ट्रिक मल्टिपल यूनिट (DEMU) ट्रेनों में हाइड्रोजन फ्यूल सेल्स को फिर से फिट करने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है. अभी तक हाइड्रोजन ट्रेनों का संचालन जर्मनी, फ्रांस, स्वीडन और चीन में हो रहा है.
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जानिए किस रूठ पर चलेगी हाईड्रोजन ट्रेन (India first hydrogen train)
न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की पहली हाइड्रोजन फ्यूल वाली ट्रेन का प्रोटोटाइप दिसंबर 2024 में हरियाणा के जींद-सोनीपत सेक्शन में चलाया जाएगा. अधिकारियों ने बताया है कि हाइड्रोजन ट्रेन के लिए जिन हेरिटेज रूट्स को चुना गया है, उनमें मथेरन हिल रेलवे, दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे, काल्का-शिमला रेलवे, कांगड़ा घाटी और नीलगिरी माउंटेन रेलवे शामिल हैं. ट्रायल सफल होने के बाद, अगले तीन सालों में इन मार्गों पर हाइड्रोजन ट्रेनें चलने लगेंगी, जो भारत की सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर को प्रदर्शित करेंगी.
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रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अखबार से बातचीत में बताया कि प्रोटोटाइप ट्रेन पर चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में काम जारी है. ट्रायल के बाद, रेलवे ‘हाइड्रोजन फॉर हेरिटेज’ पहल के तहत 35 हाइड्रोजन ट्रेनें लाने की योजना बना रहा है. प्रत्येक ट्रेन के लिए 80 करोड़ रुपये और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए 70 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना है.