India Fuel Export: रूसी कच्चे तेल से भारत बना ईंधन का सबसे बड़ा निर्यातक, जानिए कैसे? 

India Fuel Export: रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के बाद भारत रूसी कच्चे तेल का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार बन गया है.

By Aman Kumar Pandey | November 10, 2024 2:50 PM

India Fuel Export: साल 2024 की पहली तीन तिमाहियों में भारत से यूरोपीय संघ को डीजल जैसे ईंधन का निर्यात 58% बढ़ा है, जैसा कि एक मासिक निगरानी रिपोर्ट में बताया गया है. इस बढ़ोतरी का मुख्य कारण रूस से आने वाले कच्चे तेल की उच्च मात्रा है, जिसे रिफाइन कर यूरोप भेजा जा रहा है. गौरतलब है कि दिसंबर 2022 में यूरोपीय संघ और जी7 देशों ने रूस से कच्चे तेल के आयात पर प्रतिबंध और मूल्य सीमा तय की थी.

रूस के कच्चे तेल से बने रिफाइंड ईंधन के मामले में नीति में स्पष्टता न होने के कारण, कई देश बड़ी मात्रा में रूसी कच्चा तेल आयात कर सकते हैं और इसे रिफाइंड करके यूरोपीय देशों को कानूनी रूप से निर्यात कर रहे हैं. रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के बाद भारत रूस से कच्चे तेल का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार बन चुका है. यूक्रेन युद्ध से पहले, भारत में कुल आयातित तेल का मात्र 1% से भी कम रूस से आता था, जो अब बढ़कर लगभग 40% हो गया है.

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ऊर्जा और स्वच्छ वायु पर शोध केंद्र (CREA) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने शोधन नियमों की खामियों का लाभ उठाते हुए यूरोपीय संघ को तेल उत्पादों का सबसे बड़ा निर्यातक बनने का अवसर हासिल किया है. रिपोर्ट में बताया गया कि साल 2024 की पहली तीन तिमाहियों में गुजरात के जामनगर और वडिनार तथा मैंगलोर की रिफाइनरियों से यूरोपीय संघ को निर्यात में सालाना आधार पर 58% की बढ़ोतरी हुई है. इन रिफाइनरियों में रिलायंस इंडस्ट्रीज की जामनगर इकाई, रूस की रोसनेफ्ट समर्थित नायरा एनर्जी की वडिनार इकाई और ओएनजीसी के स्वामित्व वाली मैंगलोर रिफाइनरी शामिल हैं.

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