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भारत ने पाकिस्तान को दिया अल्टीमेटम, कहा- 7 दिन में कम करें अपने हाई कमीशन में स्टाफ की संख्या

India pakistan, Ministry of External Affairs: भारत और पाकिस्तान के बीच हाल के दिनों में राजनयिक संबंधों पर तनाव बढ़ गया है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान से कहा है दिल्ली स्थित अपने हाई कमीशन से सात दिन के अंदर 50 फीसदी स्टाफ कम करें. 15 जून को पाकिस्तान में दो भारतीय उच्चायोग के कर्मचारियों को पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा कई घंटों तक हिरासत में रखने के बाद मंगलवार को भारत की ओर से यह कदम उठाया गया है.

India pakistan, Ministry of External Affairs: भारत और पाकिस्तान के बीच हाल के दिनों में राजनयिक संबंधों पर तनाव बढ़ गया है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान से कहा है दिल्ली स्थित अपने हाई कमीशन से सात दिन के अंदर 50 फीसदी स्टाफ कम करें. 15 जून को पाकिस्तान में दो भारतीय उच्चायोग के कर्मचारियों को पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा कई घंटों तक हिरासत में रखने के बाद मंगलवार को भारत की ओर से यह कदम उठाया गया है.

विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव दीपक मित्तल ने पाकिस्तान के राजनयिक सैयद हैदर शाह को इस फैसले की सूचना दी. इससे पहले दिसंबर 2001 में संसद पर आतंकवादी हमले के बाद दोनों देशों के हाई कमीशन ने 50 फीसदी स्टाफ ने कटौती की थी. तत्कालीन विदेश मंत्री जसवंत सिंह ने यह आदेश दिया था. भारत का आरोप है कि पाकिस्तान हाईकमीशन के कर्मचारी जासूसी करते हैं, उनके आतंकी संगठनों से भी संपर्क हैं।

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भारत ने पाकिस्तान को दिया अल्टीमेटम, कहा- 7 दिन में कम करें अपने हाई कमीशन में स्टाफ की संख्या 2
जासूसी करते पकड़े गए थे पाक हाई कमीशन के कर्मचारी

दिल्ली स्थित पाकिस्तान हाई कमीशन के दो कर्मचारियों को 31 मई को दिल्ली में जासूसी करते पकड़ा गया था, जिसके बाद पाकिस्तान ने भारतीय अधिकारियों को हिरासत में लिया था. विदेश मंत्रालय का कहना है कि सरकार के इस निर्णय के बाद पाकिस्तान में भारतीय कर्मचारियों की संख्या 55 तक कम हो जाएगी. सोमवार को पाकिस्तान से उन दो भारतीय कर्मचारियों को वापस बुलाया गया है, जिन्हें हाल ही में प्रताड़ित किया गया था.

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि इस्लामाबाद में पाकिस्तान और उसके अधिकारियों का व्यवहार भारतीय राजनयिकों और कांसुलर अधिकारियों के साथ वियना कन्वेंशन और द्विपक्षीय समझौतों के अनुरूप नहीं है. विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि 22 जून, 2020 को भारत लौटने वाले इन अधिकारियों ने पाकिस्तानी एजेंसियों के हाथों हुए बर्बर व्यवहार की जानकारी दी है. बता दें कि पाकिस्तान विएना संधि और दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों को लिए को लेकर हुए समझौते के उल्लंघन का दोषी रहा है.

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गौरतलब है कि 27 दिसंबर 2001 को विदेश मंत्री जसवंत सिंह ने ऐसे कदम की घोषणा की थी, जिसके बाद दोनों पक्षों के कर्मचारियों की संख्या लगभग 47 राजनयिकों तक कम हो गई थी और बाद में संख्या घटकर केवल 20 रह गई थी. 2003 में पीएम वाजपेयी और पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति मुशर्रफ के बीच बातचीत के बाद संख्या में धीरे-धीरे वृद्धि हुई थी.

posted By: Utpal kant

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