ईरानी राजदूत इराज इलाही ने कहा- तेल हमारी अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण, भारत को मिल रहा रूस की स्थिति का लाभ
Iran on India: ईरान के राजदूत इराज इलाही ने कहा कि भारत अपने राष्ट्रीय हित का पालन कर रहा है और ईरान भी अपने स्वयं के राष्ट्रीय हित का पालन करता है.
Iran on India: ईरान के राजदूत इराज इलाही ने कहा कि भारत को रूस की स्थिति का लाभ मिल रहा है और कोई भी भारत को दोष नहीं दे सकता है. उन्होंने कहा कि भारत अपने राष्ट्रीय हित का पालन कर रहा है और ईरान भी अपने स्वयं के राष्ट्रीय हित का पालन करता है.
ईरान के राजदूत बोले- तेल हमारी अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण
भारत में ईरान के राजदूत इराज इलाही ने कहा कि ईरान एक तेल उत्पादक है और तेल हमारी अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि दस से अधिक वर्षों से हम प्रतिबंधों के अधीन हैं और हमने अपने तेल और तेल उत्पादों जैसे पेट्रोकेमिकल्स एवं अन्य उत्पादों को बेचने के कुछ तरीके खोजे हैं. ईरानी राजदूत ने कहा कि हमने सीखा है, प्रतिबंधों से कैसे निपटना है. न केवल तेल निर्यात में, बल्कि धन हस्तांतरण में भी.
भारत एक उभरती हुई शक्ति: ईरानी राजदूत
ईरान के राजदूत इराज इलाही ने कहा कि भारत ताइवान और दक्षिण कोरिया नहीं है. भारत एक उभरती हुई शक्ति है और उसके पास एक शक्तिशाली अर्थव्यवस्था है. इसलिए, भारत आसानी से पश्चिम के दबाव का विरोध कर सकता था. उन्होंने कहा, जैसा कि भारत ने रूस से तेल खरीदने के दबाव का विरोध किया, हम मानते हैं कि भारत कर सकता है और हम आशा करते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था और लोगों के लाभ के लिए भारत सरकार तेल आयात करना शुरू कर देगी.
India is not Taiwan. India is not South Korea. India is a rising power. India has a powerful economy. So, India could easily resist the pressure of the West: Iraj Elahi, Ambassador of Iran to India pic.twitter.com/qNuLArOmxo
— ANI (@ANI) March 17, 2023
ईरान और सऊदी अरब इस्लामी दुनिया के दो स्तंभ
ईरानी राजदूत ने कहा कि हम हमेशा भारत को अपने निर्यात को फिर से शुरू करने के लिए अपनी तत्परता व्यक्त करते हैं. यह भारत पर निर्भर है. मैं जो कहना चाहता हूं वह यह है कि प्रतिबंधों के तहत देशों की संख्या दिनोंदिन बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि सभी देशों को सीखना चाहिए कि प्रतिबंधों के तहत कैसे रहना है अन्यथा वे अपनी रुचि खो देंगे. इराज इलाही ने कहा कि ईरान और सऊदी अरब इस्लामी दुनिया के दो स्तंभ हैं. एशिया के पश्चिम में दो शक्तियां हैं. दोनों देशों के बीच अलग-अलग समानताएं हैं.