सुप्रीम कोर्ट ने श्री श्री ठाकुर अनुकूलचंद्र (Sri Sri Thakur Anukul Chandra) को परमात्मा घोषित करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, भारत में हर किसी को अपने पसंद के भगवान की उपासना करने का अधिकार है.
भारत धर्मनिरपेक्ष देश, हर किसी को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने श्री श्री ठाकुर अनुकूलच्रंद्र को परमात्मा घोषित करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया और कहा, भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है. यहां सभी को अपने-अपने पसंद के भगवान को मानने की आजादी है. जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस सीटी रवि की बेंच ने याचिका खारिज करते हुए टिप्पणी की और कहा, किसी को भी श्री श्री ठाकुर अनुकूलचंद्र को परमात्मा मानने के लिए विवश नहीं किया जा सकता.
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कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर लगाया 1 लाख का जुर्माना
सुप्रीम कोर्ट ने अनुकूलचंद्र को परमात्मा घोषित करने का मांग पर टिप्पणी करते हुए कहा, यह कोई याचिका नहीं है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया और कहा, अब लोग ऐसी याचिका दायर करने से पहले चार बार सोचेंगे.
आप चाहें तो अनुकूलचंद्र को परमात्मा मान सकते हैं, लेकिन दूसरों को नहीं किया जा सकता बाध्य
सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए याचिकाकर्ता से कहा, आप श्री श्री ठाकुर अनुकूलचंद्र को परमात्मा मानना चाहते हैं, तो मानें, लेकिन दूसरों को मामने के लिए बाध्य नहीं कर सकते. कोर्ट ने कहा, हम यहां लेक्चर सुनने नहीं आये हैं.