तहव्वुर राणा के साथ विजय, नीरव और अनमोल … अभी किसके प्रत्यर्पण की कोशिश में है भारत?

Extradite: अंतरराष्ट्रीय कानून और राजनीतिक समीकरणों के चलते अपराधियों और आतंकवादियों को प्रत्यर्पित कराना एक लंबी और जटिल प्रक्रिया बन गई है.

By Aman Kumar Pandey | January 25, 2025 1:43 PM

Extradite: 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों में वांछित और पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यवसायी तहव्वुर हुसैन राणा को शनिवार को बड़ा झटका लगा. अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने उसकी अपील खारिज करते हुए भारत को उसे प्रत्यर्पित करने की मंजूरी दे दी है. इस फैसले के साथ, भारत के लिए इस मामले के मास्टरमाइंड को न्याय के कटघरे में लाने का मार्ग साफ हो गया है. राणा की भूमिका उस हमले में थी जिसमें 160 से अधिक निर्दोष लोगों ने अपनी जान गंवाई थी.

राणा पाकिस्तान सेना में डॉक्टर रह चुका है और उसे हमले की योजना की जानकारी पहले से थी. 2009 में डेनमार्क में आतंकवादी साजिश के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के बाद वह अमेरिका में कैद था. अब भारत उसे मुंबई हमलों के मामले में प्रत्यर्पित करवाने के लिए तैयार है.

अन्य वांछित अपराधियों पर भारत की नजर

भारत ने हाल के वर्षों में उन अपराधियों और आतंकवादियों को वापस लाने के प्रयास तेज कर दिए हैं, जो कानून से बचने के लिए विदेशों में छिपे हुए हैं. भारतीय अधिकारियों का कहना है कि ऐसे एक-तिहाई फरार अपराधी अमेरिका में हैं. अमेरिका और अन्य देशों में इन अपराधियों को लेकर भारत सरकार कानूनी प्रक्रिया को आगे बढ़ा रही है.

इसे भी पढ़ें: अमेरिका ने मेक्सिको सीमा पर 1500 जवान किए तैनात, जानिए क्यों?

खालिस्तानी आतंकवादी अर्श दल्ला

खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख अर्शदीप सिंह गिल उर्फ अर्श दल्ला भी भारत में वांछित है. वह हत्या, हत्या के प्रयास, जबरन वसूली और आतंकवादी गतिविधियों के 50 से अधिक मामलों में आरोपी है. फिलहाल वह कनाडा में है और भारत उसे प्रत्यर्पित कराने की कोशिश कर रहा है. हालांकि, दिसंबर में उसे कनाडा में जमानत मिल चुकी है, जिससे उसकी भारत वापसी फिलहाल अधर में लटकी हुई है.

अनमोल बिश्नोई

अनमोल बिश्नोई, जो गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का छोटा भाई है, भी भारत के लिए सिरदर्द बना हुआ है. वह कई हाई-प्रोफाइल आपराधिक मामलों में वांछित है, जिनमें पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या शामिल है. अनमोल को नवंबर 2023 में अमेरिका में अवैध दस्तावेजों के साथ गिरफ्तार किया गया था. हालांकि, दिल्ली की ओर से उसके प्रत्यर्पण की संभावना पर कोई ठोस बयान नहीं आया है.

इसे भी पढ़ें: मेरठ में खूनी खेल का अंत, 5 लोगों का कातिल नईम एनकाउंटर में ढेर

विजय माल्या और नीरव मोदी

प्रमुख आर्थिक अपराधी विजय माल्या और नीरव मोदी भी भारत में वांछित हैं. विजय माल्या पर 9,000 करोड़ रुपये के कर्ज डिफॉल्ट का मामला है. 2016 में वह भारत छोड़कर ब्रिटेन भाग गए थे और उनके प्रत्यर्पण के लिए एक लंबी कानूनी लड़ाई जारी है.

वहीं, नीरव मोदी और उनके चाचा मेहुल चोकसी पर 14,000 करोड़ रुपये के PNB लोन घोटाले का आरोप है. नीरव मोदी को 2018 में लंदन में गिरफ्तार किया गया था और वह अब तक अपनी सभी कानूनी याचिकाओं में विफल रहे हैं. मेहुल चोकसी फिलहाल एंटीगुआ में है.

इसे भी पढ़ें: मुस्लिम व्यक्ति से शादी करने से नहीं बदलता धर्म, दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला

संजय भंडारी और सौरभ चंद्राकर

संजय भंडारी, जो कि एक आर्म्स डील कंसल्टेंट है, पर मनी लॉन्ड्रिंग और कर चोरी के आरोप हैं. वह यूके में रह रहा है और भारत उसे वापस लाने की प्रक्रिया में जुटा है. इसी तरह, महादेव बेटिंग ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर भी मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना कर रहे हैं. दुबई में उनकी गिरफ्तारी के बाद भारत प्रत्यर्पण की कोशिश कर रहा है.

भारत के लिए बढ़ती चुनौतियां

अंतरराष्ट्रीय कानून और राजनीतिक समीकरणों के चलते अपराधियों और आतंकवादियों को प्रत्यर्पित कराना एक लंबी और जटिल प्रक्रिया बन गई है. फिर भी, तहव्वुर हुसैन राणा के मामले में मिली सफलता यह दर्शाती है कि भारत अपने प्रयासों में कोई कमी नहीं छोड़ रहा है. अब अन्य अपराधियों और आतंकवादियों के प्रत्यर्पण को लेकर भारत की निगाहें अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन और अन्य देशों पर टिकी हुई हैं.

इसे भी पढ़ें: 26/11 का गुनहगार तहव्वुर राणा के भारत आने का रास्ता साफ, अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी

Next Article

Exit mobile version