आजादी के बाद देश की सामाजिक-आर्थिक प्रगति में PSUs का बहुत बड़ा योगदान, बेंगलुरु में बोले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
Defence Minister Rajnath Singh केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को बेंगलुरु में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आजादी के बाद हमारे देश की सामाजिक और आर्थिक प्रगति में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSUs) का बहुत बड़ा योगदान रहा है. चाहे पूंजी निर्माण हो, रोजगार के अवसर पैदा करना हो या फिर अनुसंधान और विकास को आगे ले जाना हो, सभी में हमारे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा है.
Defence Minister Rajnath Singh केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को बेंगलुरु में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आजादी के बाद हमारे देश की सामाजिक और आर्थिक प्रगति में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSUs) का बहुत बड़ा योगदान रहा है. चाहे पूंजी निर्माण हो, रोजगार के अवसर पैदा करना हो या फिर अनुसंधान और विकास को आगे ले जाना हो, सभी में हमारे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा है.
Under 'Aatmnirbhar Bharat Abhiyan', the govt has recently made several policy changes which you all are familiar with, be it change of Defence Production & Export Promotion Policy (DPEPP) or formulation of new Defence Acquisition Procedure (DAP): Defence Minister Rajnath Singh https://t.co/vcQ6HVz0P0
— ANI (@ANI) January 15, 2021
वहीं, राजनाथ सिंह ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत हमारी सरकार ने हाल ही में कई नीतिगत बदलाव किए हैं. जिनसे सभी लोग भलीभांति परिचित है. चाहे वह डीपीईपीपी का बदलाव अथवा डीएपी द्वारा स्वदेशी सामग्री वाले उपकरणों और प्लेटफार्म की खरीद की नीति में आया बदलाव हो.
रक्षा मंत्री ने कहा कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड न केवल देश की, बल्कि दुनिया की अग्रणी कंपनी में से एक है. यह कर्नाटक सहित हमारे देश की शान है. यह उदाहरण इस बात को बताने के लिए काफी है कि बीईएमएल के लिए भी भविष्य में सुनहरा अवसर उपलब्ध है. राजनाथ सिंह ने कहा कि अब सरकार ने देश में डिफेन्स सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए 81 तेजस विमान की विनिर्माण का ऑर्डर एचएएल को दिया है. इस निर्णय से देश में करीब 50 हजार नये रोजगार के अवसर पैदा होंगे.
रक्षा मंत्री ने कहा कि बीईएमएल आज से नहीं, बल्कि स्वतंत्रता के समय से ही रेल कोच का निर्माण करने वाली सबसे पहली संस्था है. बाकी अनेक बड़ी संस्थाएं इसके बाद में आईं. यह देश में चल रही सभी मेट्रो की लगभग आधी हिस्सेदार है और अपने बल पर उनका स्वदेशीकरण कर रही है. बीईएमएल ने इस टेस्टिंग टाइम में अपनी कार्यक्षमता का जो परिचय दिया, वह आपकी मेहनत, लगन, जोश और जज्बे को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि मुझे बताया गया कि पिछले साल आपका वैल्यू ऑफ प्रोडक्शन 3000 करोड़ रुपये था और इस साल इसे भी पार कर लिया जायेगा. जो बहुत बड़ी उपलब्धि है.
Also Read: नेपाल के विदेश मंत्री का भारत दौरा, नक्शा विवाद समेत अन्य द्विपक्षीय संबंधों पर करेंगे चर्चा, भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने दी जानकारीUpload By Samir Kumar