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दिल्ली में पीएम मोदी से मिली ममता बनर्जी, BSF को अधिक शक्ति देने का कानून वापस लेने की मांग

Mamata Banerjee Met PM Modi पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि मैंने बीएसएफ (BSF) के बारे में चर्चा की.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 24, 2021 6:15 PM
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Mamata Banerjee Met PM Modi पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि मैंने बीएसएफ (BSF) के बारे में चर्चा की. ममता बनर्जी ने कहा कि बीएसएफ हमारा दुश्मन नहीं है. मैं सभी एजेंसियों की इज्जत करती हूं. लेकिन कानून-व्यवस्था जो राज्य का विषय है, इससे उसमें टकराव होता है.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान के कहा कि संघीय ढांचे को बेवजह छेड़ना ठीक नहीं है. इसके बारे में चर्चा जरूरी है और बीएसएफ के कानून को वापस लिया जाना चाहिए. सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि हमारे यहां बहुत सारी प्राकृतिक आपदाएं हुई हैं, इसमें केंद्र सरकार से हमें बहुत पैसा मिलेगा. मैंने वो पैसे देने की मांग की है. उन्होंने कहा ​कि ठीक है, हम परिस्थिति देख कर बताएंगे.

बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (TMC) प्रमुख ममता बनर्जी इन दिनों दिल्ली में चर्चा के केंद्र में हैं. बुधवार को बीजेपी की राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी में ममता बनर्जी से मुलाकात की. इसके बाद से राजनीतिक अटकलों को बाजार गर्म है. सोशल मीडिया पर कहा जाने लगा कि 2014 में जब सुब्रमण्यम स्वामी बीजेपी में शामिल हुए थे, तो उस समय नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने थे. अब ममता बनर्जी से मुलाकात के बाद उनके टीएमसी में शामिल होने की भी अटकलें लग रही है. स्वामी ने भी ममता बनर्जी से मुलाकात के बाद उनकी तारीफों के पुल बांधे.

वहीं, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख से मुलाकात के बाद भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने ममता बनर्जी की तारीफ की. सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट में लिखा, मैं जितने भी राजनेताओं से मिला या उनके साथ काम किया, उनमें से ममता बनर्जी जेपी, मोरारजी देसाई, राजीव गांधी, चंद्रशेखर और पीवी नरसिम्हा राव के जैसी हैं. इन लोगों की कथनी और करनी में फर्क नहीं होता है. भारतीय राजनीति में यह एक दुर्लभ गुण है.

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