डॉक्टर ने दी सलाह, देश में बढ़ रहा है कोरोना संक्रमण का खतरा लगाना चाहिए लॉकडाउन
समाचार एजेंसी आइएएनएस से आयी एक खबर के अनुसार दूसरी लहर पर नियंत्रण के लिए कई डॉक्टरों ने लॉकडाउन को बेहतर बताया है. डॉक्टरों का मत है कि अगर सही समय पर लॉकडाउन लिया गया तो संक्रमण की रफ्तार धीमी हो सकती है.
क्या देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण की रफ्तार को देखते हुए दोबारा लॉकडाउन होना चाहिए ? देश में संक्रमण के मामले 2 लाख के पार कर गये हैं, संक्रमण की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है. देश में कोरोना की रफ्तार को देखते हुए कई चिकित्सकों की राय है कि एक बार फिर लॉकडाउन लगा देना चाहिए ताकि कोरोना संक्रमण की रफ्तार पर काबू पाया जा सके.
समाचार एजेंसी आइएएनएस से आयी एक खबर के अनुसार दूसरी लहर पर नियंत्रण के लिए कई डॉक्टरों ने लॉकडाउन को बेहतर बताया है. डॉक्टरों का मत है कि अगर सही समय पर लॉकडाउन लिया गया तो संक्रमण की रफ्तार धीमी हो सकती है.
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कई राज्यों में भी स्वास्थ्य को लेकर गंभीर स्थिति है इसे ठीक करने के लिए लॉकडाउन की जरूरत है. कार्डियोवास्कुलर और कार्डियोथोरेसिक सर्जन नरेश त्रेहन ने कई डॉक्टरों की तरह सहमति जताते हुए कहा, वायरस रूप बदलकर आया है इस नये वायरस से लड़ने का सबसे मजबूत तरीका लॉकडाउन ही हो सकता है.
मेदांता अस्पताल के अध्यक्ष सर्जन नरेश त्रेहान ने कहा, हमारे सामने महाराष्ट्र का उदाहरण है लगातार बढ़ रहे मामलों के बीच उन्हें एक बार फिर लॉकडाउन की तरफ बढ़ना पड़ा इतनी सख्तियों के बाद भी अगर हालात नियंत्रण में नहीं आये तो संपूर्ण लॉकडाउन का फैसला लिया जायेगा. महाराष्ट्र की स्थिति को और उनके फैसले को देखते हुए दूसरे राज्यों को भी तेजी से कड़ा फैसला लेना चाहिए हालात हर दिन गंभीर हो रहे हैं, आंकड़े जिस तरह हर रोज बढ़ रहे हैं यह पहले से ज्यादा खतरनाक हो रहा है.
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इस संक्रमण का असर युवाओं और बच्चों पर भी देखने को मिल रहा है. भारतीय चिकित्सक और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के पूर्व अध्यक्ष के.के. अग्रवाल से जब पूछा गया कि यह वायरस कितना खतरनाक है इस पर उन्होंने कहा, युवाओं में ब्रिटेन का वेरियंट का असर हो रहा जिसमें 45 साल से कम उम्र के युवा शामिल है.