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भारत ने हासिल की बड़ी सफलता , सफल हुआ परीक्षण गिने चुने देशों के पास है मिसाइल की यह तकनीक

बयान में कहा गया है कि वर्तमान में एसएफडीआर मिसाइल प्रणोदन प्रौद्योगिकी विश्व में सिर्फ गिने-चुने देशों के पास ही उपलब्ध है. बयान में कहा गया है कि एसएफडीआर प्रौद्योगिकी के सफल प्रदर्शन ने डीआरडीओ को एक प्रौद्योगिकीय लाभ उपलब्ध कराया है, जिससे लंबी दूरी की हवा से हवा में मार करनी वाली मिसाइलें विकसित करने में मदद मिलेगी.

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने ठोस ईंधन वाली रैमजेट (एसएफडीआर) मिसाइल प्रणोदन प्रणाली का ओडिशा के चांदीपुर परीक्षण केंद्र से शुक्रवार को सफल उड़ान परीक्षण किया. डीआरडीओ ने एक बयान में कहा, ‘‘बूस्टर मोटर और नोजल-लेस मोटर सहित सभी उप प्रणालियों ने उम्मीद के अनुरूप (उड़ान परीक्षण के दौरान) प्रदर्शन किया . ”

बयान में कहा गया है कि वर्तमान में एसएफडीआर मिसाइल प्रणोदन प्रौद्योगिकी विश्व में सिर्फ गिने-चुने देशों के पास ही उपलब्ध है. बयान में कहा गया है कि एसएफडीआर प्रौद्योगिकी के सफल प्रदर्शन ने डीआरडीओ को एक प्रौद्योगिकीय लाभ उपलब्ध कराया है, जिससे लंबी दूरी की हवा से हवा में मार करनी वाली मिसाइलें विकसित करने में मदद मिलेगी.

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सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट (एसएफडीआर) मिसाइल भारत और रूस द्वारा संयुक्त रूप से विकसित एक मिसाइल प्रणादेन तकनीक है. मिसाइल भारत की सर्फेस टू एयर और एयर टू एयर दोनों ही मिसाइलों के रेंज को बढ़ाने में बदद करता है.

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इसे औऱ बेहतर बनाता है सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट तकनीक. इस तकनीक के माध्यम से यह एक रैमजेट संचालित वाहन को एक रॉकेट की तरह ही एक सहायक टेक ऑफ की जरूरत होती है

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