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भारत-नेपाल को जोड़ने वाली महाकाली नदी पर बनेगा पुल, दोनों देश के लोगों को होगा ये फायदा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी. उन्होंने बताया कि इस एमओयू पर जल्द ही दोनों देश साइन करेंगे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 6, 2022 10:11 PM

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज धारचूला में महाकाली नदी पर पुल के निर्माण के लिए भारत एवं नेपाल के बीच एमओयू को अनुमति प्रदान कर दी. इस संबंध में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने जानकारी दी.

कैबिनेट की बैठक के बाद अनुराग ठाकुर ने संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी. उन्होंने बताया कि इस एमओयू पर जल्द ही दोनों देश साइन करेंगे.

महाकाली नदी पर पुल का निर्माण अगले तीन वर्ष में पूरा कर लिया जायेगा. अनुराग ठाकुर ने बताया कि इससे उत्तराखंड के लोगों और नेपाल के क्षेत्र के लोगों को लाभ मिलेगा. इससे दोनों देशों में व्यापार, भाईचारे और रिश्तों को मजबूती मिलेगी.

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हरित ऊर्जा गलियारे के दूसरे चरण के लिए बृहस्पतिवार को 12,031 करोड़ रुपये के निवेश की मंजूरी दी. इसका इस्तेमाल सात राज्यों में ग्रिड एकीकरण और 20,000 मेगावॉट नवीकरणीय बिजली के लिए ट्रांसमिशन लाइन बिछाने में किया जायेगा.

आधिकारिक बयान के मुताबिक इस योजना के तहत सात राज्यों में नवीकरणीय ऊर्जा के ट्रांसिमिशन लाइन के लिए 10,750 सर्किट किलोमीटर लंबी ट्रांसिमिशन लाइन बिछाने और बिजली उपकेंद्रों के करीब 27,500 मेगा वोल्ट-एम्पीयर ट्रांसफॉर्मेशन का लक्ष्य रखा गया है. आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में दूसरे चरण को स्वीकृति दी गई.

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सीसीईए की बैठक में स्वीकृत प्रस्ताव के मुताबिक हरित ऊर्जा गलियारे के दूसरे चरण का क्रियान्वयन वर्ष 2021-22 से लेकर 2025-26 के दौरान पांच वर्षों में किया जाएगा.

दूसरे चरण के लिए स्वीकृत राशि से गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, राजस्थान, तमिलनाडु एवं उत्तर प्रदेश में करीब 20,000 मेगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं का ग्रिड एकीकरण एवं ट्रांसिमिशन आधार तैयार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस योजना पर होने वाले कुल निवेश का 33 फीसदी यानी 3,970.34 करोड़ रुपये केंद्रीय वित्तीय समर्थन के रूप में होगा.

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