महराजगंज : कोरोना महामारी की बंदिशों और परदेश की सख्तियां भी एक युगल के नए जीवन के सपनों की राह नहीं रोक सकीं. नवविवाहिता को नेपाल के गांव से अपनी ससुराल आने के लिए भारत की सीमा तक पैदल ही चलकर आना पड़ा. यह घटना बृहस्पितवार को भारत-नेपाल सीमा पर स्थित झुलनीपुर में सामने आई. पहले भारतीय दूल्हे ने पैदल ही नेपाली दुल्हन के घर पहुंचकर शादी की. शादी के बाद दुल्हन भी उसके साथ पैदल ही भारत की सीमा तक आई. वहां से वाहन पर सवार होकर नवदंपती अपने घर पहुंचे.
महराजगंज के रामपुर मीर के रहने वाले दूल्हे के पिता प्रदीप चौहान ने बताया कि उनके बेटे का विवाह नेपाल के गोकुल नगर सुस्ता गांव पालिका में राजेंद्र चौहान के पुत्री से तय हुआ था. कार्यक्रम के मुताबिक दूल्हा शादी के लिए सीमा पर पहुंचा तो कोरोना महामारी के कारण लगी रोक के चलते उसके वाहन को नेपाल में प्रवेश देने से मना कर दिया गया.
वाहन प्रवेश की अनुमति न मिलने की स्थिति में दूल्हे ने पैदल ही दूल्हन के घर जाने का फैसला किया. साथ आए लोगों और वाहन को छोड़कर वह पैदल ही चल पड़ा. वह दुल्हन के घर पहुंचा और उसके साथ विवाह की रस्में पूरी कराईं. शादी की रस्में पूरी होने के बाद विदा की घड़ी आई. घरवाले असमंजस में थे लेकिन दुल्हन ने तय किया कि वह भी पैदल ही ससुराल जाएगी. सुर्ख जोड़े में सजी दुल्हन डोली के सपने छोड़ मेहंदी रचे पांवों से अपने जीवनसाथी के कदमों से कदम मिलाते पैदल ही अपनी ससुराल की ओर चल पड़ी.
लक्ष्मीपुर सीमा पर आने के बाद उन्हें वाहन इंतजार करता मिला जिससे वे अपने घर पहुंचे. वहां परिजनों ने उनका भव्य स्वागत किया. दिनभर इस शादी और दूल्हा-दुल्हन के हौसले की चर्चा होती रही.
Posted By : Rajneesh Anand