नेपाल सरकार के बेतुके फैसले से बॉर्डर पर दुकानदारों और मजदूरों की बढ़ी परेशानी, रोजी-रोटी पर छाया संकट

india nepal tension, china , china KP Sharma Oli, KP Sharma Oli, parliament, China, Nepali, MP, nepali MP, nepal border, nepal border shopkeeper : भारत-नेपाल सीमा पर तनाव के बीच बॉर्डर पर छोटे दुकानदार और मजदूरों की परेशानी बढ़ गई है. इन मजदूरों और दुकानदारों की रोजी-रोटी पर संकट गहरा गया है. पहले लॉकडाउन और अब तनाव के कारण बॉर्डर सील होने से यहां के दुकानदार न तो अपना सामान बेच पा रहे हैं और न हीं इस क्षेत्र में रहने वाले मजदूर भारत मजदूरी करने आ पा रहे हैं. यह परेशानी सिर्फ नेपाल ही नहीं, बॉर्डर से सटे भारत के मजदूरों और दुकानदारों की भी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 27, 2020 1:09 PM

Indo-Nepal Border: भारत-नेपाल सीमा पर तनाव के बीच बॉर्डर पर छोटे दुकानदार और मजदूरों की परेशानी बढ़ गई है. इन मजदूरों और दुकानदारों की रोजी-रोटी पर संकट गहरा गया है. पहले लॉकडाउन और अब तनाव के कारण बॉर्डर सील होने से यहां के दुकानदार न तो अपना सामान बेच पा रहे हैं और न हीं इस क्षेत्र में रहने वाले मजदूर भारत मजदूरी करने आ पा रहे हैं. यह परेशानी सिर्फ नेपाल ही नहीं, बॉर्डर से सटे भारत के मजदूरों और दुकानदारों की भी है.

नेपाल से बिहार, यूपी और झारखंड के कई जिले सटे हुए हैं. पहले नेपाल के लोग इन जिलों में बेधड़क आवाजाही करते थे, लेकिन तनाव के बाद आवाजाही बंद हो गई है. लोग बॉर्डर पर आने से डरते हैं. सिर्फ दुकानदार ही नहीं, आम ग्राहक भी भारत में खरीदारी करने से बच रहे हैं. ऐसे ही कई जिलों के बॉर्डर पर हमारे संवाददाताओं ने जाकर स्थिति का जायजा लिया.

मधुबनी के जयनगर में बाजार चौपट– मधुबनी जिले के जयनगर के इनरवा चेक पोस्ट के समीप भारत नेपाल सीमा पर पूरी तरह वीरानगी है. कभी यह सीमा गुलजार हुआ करता था. लॉकडाउन की वजह से आने-जाने पर रोक है. सीमा के दोनों तरफ इक्का-दुक्का दुकानें ही खुलती हैं. जयनगर के कारोबारी कह रहे कि उनकी हालत खस्ता है. उनका कारोबार नेपाल के गांवों से आने वाले ग्राहकों पर टिका था. बिजली ठप है, तो वे बाहर से माल भी नहीं मंगा रहे हैं.

रक्सौल पर हालात भयावह- नेपाल इंडिया का सबसे महत्वपूर्ण बॉर्डर रक्सौल की है. रक्सौल बॉर्डर से ही सबसे ज्यादा सामानों की आवाजाही होती है, लेकिन वर्तमान में तनाव के कारण बॉर्डर पर डर का माहौल है. सीमा पर बसे भारत व नेपाल के गांवों के लोगों को पहली बार महसूस हो रहा कि वे दो देशों के नागरिक हैं. अब तक तो रिश्ता कुछ ऐसा था कि घर से निकल कर लोग नेपाल के अपने खेतों में जाकर सुबह-सुबह ही घूम आते थे. रक्सौल बाजार गुलजार रहता था और चेकपोस्ट के रास्ते अनवरत आवाजाही होती थी. लॉकडाउन की वजह से सीमा सील है और दोनों तरफ सख्त पहरा है. हालांकि लोग यदा-कदा आवाजाही करते हैं.

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किसान नहीं बेच पा रहे हैं सामान– नेपाल से तनाव के बीच सबसे ज्यादा चर्चित सीतामढ़ी की सीमा रही. यहां पर नेपाल पुलिस की गोली से 1 लोगों की मौत हो गई थी. बॉडर पर टेंशन से सबसे ज्यादा परेशान किसान हैं. बिहार के गांवों के कई किसान पट्टा पर नेपाल में खेती करते हैं. वे अब खेतों में नहीं जा रहे हैं. कई किसानों का तो खेत में गेहूं नेपाल के खेतों में पड़ा हुआ है. मसहा आलम पुरानी घडाड़ी निवासी शिवराज दास रोजाना सीमा के उस पार ब्रह्मपुरी गांव में खेती-बाड़ी का काम से जाते थे, परंतु नेपाल पुलिस की भारी सख्ती के कारण शनिवार को नहीं गये.

नेपाल पुलिस की गोलीबारी के बाद डर का माहौल- भारत-नेपाल से तनाव के बीच पिछले दिनों बिहार के सीतामढ़ी सीमा पर नेपाल पुलिस ने गोलीबारी कर दी थी, जिसमें 1 लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद नेपाल बॉर्डर से सटे इलाकों के दुकानदारों में डर का माहौल है. इसके साथ ही नेपाल सरकार द्वारा लगातार उठाए जा रहे भारत विरोधी कदम से हालात खराब होते जा रही है.

नेपाल ने एक महीने में लिए तीन विवादित फैसले- नेपाल सरकार ने पिछले एक महीने में तीन बड़े विवादित फैसले किए हैं, इनमें पहला फैसला विवादित नक्शे को संसद से पास कराना, दूसरा फैसला नागरिकता संसोधन और तीसरा फैसला हिंदी को लेकर है.

Posted By : Avinish Kumar Mishra

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