India Nepal: नक्शा विवाद के बाद पहली बार भारत-नेपाल ने बात की, परियोजनाओं पर चर्चा
India nepal, India nepal meeting today: नक्शा विवाद के बाद भारत और नेपाल के बीच आज अहम बैठक होनी है. दोनों देशों के बीच यह बैठक वैसे तो चल रहे विकास और आर्थिक परियोजनाएं की समीक्षा को लेकर है लेकिन इसमें भारत की तरफ से नेपाल को कोई सख्त संदेश जरूर दिया जा सकता है. भारतीय राजदूत विजय मोहन क्वात्रा और नेपाल के विदेश सचिव शंकर दास बैरागी आज द्विपक्षीय वार्ता में शामिल होंगे.
India nepal, India nepal meeting today: नक्शा विवाद के बाद भारत और नेपाल के बीच आज अहम बैठक हुई. दोनों देशों के बीच यह बैठक विकास और आर्थिक परियोजनाएं की समीक्षा को लेकर हुई.समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, नेपाल में भारतीय राजदूत विनय मोहन क्वात्रा ने नेपाल के विदेश सचिव शंकर दास बैरागी के साथ बातचीत की है. इसके साथ ही भारत और नेपाल के बीच समीक्षा तंत्र की वार्ता भी पूरी हो गई है.
यह वार्ता नेपाल में चल रही परियोजनाओं की प्रगति का जायजा लेने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित किया गया था. जानकारी के मुताबिक, इसमें भारत की मदद से हिमालय क्षेत्र में चल रही परियोजनाओं पर चर्चा हुई. दोनों देशों ने बीच नेशनल हाइवे बनाने, इंटिग्रेटेड भन्सार चौकी (सीमा शुल्क) और बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को आगे बढ़ाने पर भी बात की. बता दें कि सीमा विवाद और बयानबाजी के बीच भारत और नेपाल के बीच 9 महीने बाद पहली बार यह बैठक हुई है.
India and Nepal held the 8th meeting of the Oversight Mechanism (OSM) through digital video Conferencing today. The meeting carried out a comprehensive review of bilateral economic and development cooperation projects: Embassy of India, Kathmandu #Nepal pic.twitter.com/VOY5eWF7jd
— ANI (@ANI) August 17, 2020
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नक्शा विवाद और कड़वे बयान
बता दें कि भारत में उत्तराखंड के कालापानी, लिपुलेख और लिम्प्युधारा को अपने नक्शे में दर्शाने के बाद से नेपाल- भारत के बीच सीमा विवाद चला आ रहा है. नेपाल के कम्युनिस्ट पीएम केपी शर्मा ओली ने अपने देश में फैले कोरोना को भारत की देन बताया और कहा कि असली अयोध्या नेपाल में है. भारत ने नकली अयोध्या बनाकर सांस्कृतिक अतिक्रमण किया है. नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ज्ञावली ने भी भारत के खिलाफ कई कड़वे बयान दिए थे. लेकिन भारत ने उनके आरोपों का जवाब देने के बजाय शांत की नीति अपनाए रखी.
ठंडा पड़ा नेपाल का मिजाज?
चीन के इशारे पर भारत के साथ तनाव बढ़ाने में जुटे नेपाल का मिजाज ठंडा पड़ने लगा है. भारतीय इलाकों को अपने नक्शे में शामिल करके विवाद पैदा करने के बाद पड़ोसी देश अब दोबारा बातचीत करने के लिए रास्ते तलाश रहा है. काठमांडू पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले कुछ सप्ताह में विदेश मंत्री प्रदीप ज्ञवाली ने पूर्व मंत्रियों, कूटनीतिज्ञों और विशेषज्ञों से सलाह-मशविरा की है. ज्ञवाली ने भी इस बात की पुष्टि की है कि भारत के साथ बातचीत के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.
रिश्तों पर जमी बर्फ पिघलेगी
नेपाल- भारत के बीच सीमा विवाद की वजह से जमी बर्फ पिघलती दिख रही है. बीते 15 अगस्त को नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली ने पीएम नरेंद्र मोदी को फोन करके स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी. साथ ही सुरक्षा परिषद में अस्थाई सदस्य बनने पर भारत को शुभकामनाएं भी दी. करीब दस मिनट चली इस बातचीत के अगले दिन दोनों देशों ने नेपाल में राजनयिक बातचीत पर भी चर्चा हुई.
नेपाल ने यूं शुरू किया विवाद
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आठ मई को उत्तराखंड के धारचुला को लिपुलेख दर्रे से जोड़ने वाली सामरिक रूप से महत्वपूर्ण 80 किलोमीटर लंबी सड़क का उद्घाटन किया था, जिसके बाद दोनों देशों के बीच रिश्तों में तनाव पैदा हो गया था. नेपाल ने इसका विरोध करते हुए दावा किया कि यह सड़क उसके क्षेत्र से होकर गुजरती है. इसके कुछ समय बाद नेपाल ने नया राजनीतिक नक्शा जारी किया, जिसमें लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को उसके क्षेत्र में दिखाया गया है. भारत इन इलाकों को अपना मानता है. जून में नेपाल की संसद ने देश के नए राजनीतिक मानचित्र को मंजूरी दे दी, जिसपर भारत ने कड़ा ऐतराज जताया था.
Posted By: Utpal kant