प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की यात्रा पर आए अपने नेपाली समकक्ष पुष्पकमल दाहाल ‘प्रचंड’ से गुरुवार को ऊर्जा, संपर्क और व्यापार सहित कई क्षेत्रों में भारत-नेपाल सहयोग को बढ़ावा देने पर केंद्रित व्यापक वार्ता की. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ की उपस्थिति में दोनों देशों के बीच कई क्षेत्रों में समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए
#WATCH दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक की।
एजेंडे में अर्थव्यवस्था, ऊर्जा, बुनियादी ढांचे, शिक्षा क्षेत्र और दोनों देशों के लोगों के बीच संबंधों को मज़बूत करना शामिल है: MEA pic.twitter.com/vYDDRkmVSY
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 1, 2023
बैठक के बाद संयुक्त प्रेसवार्ता के दौरान पीएम मोदी ने कहा, मुझे याद है कि 9 साल पहले 2014 में कार्यभार सँभालने के तीन महीने के भीतर मैंने नेपाल की अपनी पहली यात्रा की थी. उस समय मैंने भारत-नेपाल संबंधों के लिए एक “हिट” फार्मूला दिया था- हाईवेस, आई-वे, और ट्रांस-वे. आज मैंने और प्रधानमंत्री प्रचंड ने भविष्य में अपनी पार्टनरशिप को सुपरहिट बनाने के लिए बहुत से महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं. आज ट्रांजिट अग्रीमेंट संपन्न किया गया है. आज भारत और नेपाल के बीच ‘लॉन्ग टर्म पावर ट्रेड एग्रीमेंट’ संपन्न हुआ है. इसमें हमने आने वाले 10 वर्षों में नेपाल से 10 हज़ार मेगावाट बिजली आयात करने का लक्ष्य रखा है. वहीं नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने कहा, मैंने प्रधानमंत्री मोदी को नेपाल आने का आमंत्रण दिया है, मुझे उम्मीद है कि प्रधानमंत्री मोदी जल्द नेपाल का दौरा करेंगे
दिसंबर 2022 में प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-माओवादी (सीपीएन-माओवादी) के 68 वर्षीय नेता प्रचंड की यह पहली द्विपक्षीय विदेश यात्रा है. नेपाली नेता की भारत यात्रा की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि मोदी और प्रचंड के बीच बातचीत का केंद्र बिंदु दोनों देशों के बीच संपर्क, अर्थव्यवस्था, ऊर्जा और बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों में गहरे सहयोग के साथ भारत और नेपाल के बीच सभ्यतागत संबंधों में बदलाव होगा.
नेपाल, क्षेत्र में अपने समग्र रणनीतिक हितों के संदर्भ में भारत के लिए महत्वपूर्ण है और दोनों देशों के नेताओं ने अक्सर सदियों पुराने ‘रोटी-बेटी’ संबंधों पर ध्यान दिया है. यह दोनों देशों के लोगों के बीच सीमा पार विवाह को संदर्भित करता है. नेपाल पांच भारतीय राज्यों – सिक्किम, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के साथ 1,850 किलोमीटर से अधिक सीमा साझा करता है.
चारों ओर से जमीन से घिरा नेपाल वस्तुओं और सेवाओं के परिवहन के लिए भारत पर बहुत अधिक निर्भर करता है. समुद्र तक नेपाल की पहुंच भारत के माध्यम से है और वह भारत से तथा उससे होते हुए अपनी आवश्यकताओं का एक प्रमुख अनुपात आयात करता है.
साल 1950 की भारत-नेपाल शांति और मैत्री संधि दोनों देशों के बीच विशेष संबंधों का आधार है. प्रचंड के प्रतिनिधिमंडल में शामिल नेपाल के विदेश मंत्री एनपी सऊद ने बुधवार को कहा कि द्विपक्षीय वार्ता में व्यापार, पारगमन, संपर्क और सीमा मुद्दों सहित कई मुद्दों पर चर्चा होगी.
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