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भारत-नेपाल की साझेदारी को ‘सुपर हिट’ बनाने की खातिर लिये गए फैसले, सात समझौतों पर किए गए हस्ताक्षर

नेपाल क्षेत्र में अपने समग्र रणनीतिक हितों के संदर्भ में भारत के लिए महत्वपूर्ण है और दोनों देशों के नेताओं ने अक्सर सदियों पुराने ‘रोटी-बेटी’ संबंधों पर ध्यान दिया है. यह दोनों देशों के लोगों के बीच ब्याह-शादी के रिश्तों को संदर्भित करता है.

नई दिल्ली : नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल ‘प्रचंड’ भारत के दौरे पर हैं. नेपाली नेता चार दिवसीय यात्रा पर बुधवार को दिल्ली पहुंचे. गुरुवार को उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रचंड के बीच हुई बैठक में भारत-नेपाल की आपसी साझेदारी को ‘सुपर हिट’ बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिये गए. इस भेंटवार्ता के बाद प्रधानमंत्री मोदी और पुष्पकमल दहल प्रचंड ने संयुक्त रूप से कई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की शुरुआत की. उन्होंने कई योजनाओं का उद्घाटन और कुछ का शिलान्यास भी किया.

भारत-नेपाल के बीच सात समझौतों पर हस्ताक्षर

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, दोनों पक्षों ने सीमा पार पेट्रोलियम पाइपलाइन के विस्तार, एकीकृत जांच चौकियों के विकास और पनबिजली में सहयोग बढ़ाने सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए सात समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए. दोनों नेताओं ने भारत के रुपईडीहा और नेपाल के नेपालगंज में एकीकृत जांच चौकियों का डिजिटल माध्यम से उद्घाटन किया. उन्होंने बिहार के बथनाहा से नेपाल कस्टम यार्ड के लिए एक मालवाहक रेलगाड़ी को भी हरी झंडी दिखाई. हस्ताक्षरित प्रमुख समझौतों में से एक ट्रांजिट की संशोधित भारत-नेपाल संधि थी. इसमें नेपाल के लोगों के लिए नए रेल रेल मार्गों के साथ ही भारत की अंतरदेशीय जलमार्ग सुविधा का भी प्रावधान किया गया है.

हिमालय की ऊंचाइयों पर ले जाएंगे हम अपने संबंध

नेपाली प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल प्रचंड की मौजूदगी में मोदी ने कहा कि हम अपने रिश्ते को हिमालय की ऊंचाइयों पर ले जाने का प्रयास जारी रखेंगे और इसी भावना के साथ हम सभी मुद्दों का समाधान करेंगे, चाहे वह सीमा से जुड़ा हो या कोई अन्य मुद्दा हो. उन्होंने कहा कि हमने नए रेल लिंक स्थापित कर भौतिक संपर्क बढ़ाने का निर्णय किया. साथ ही, भारतीय रेल संस्थानों में नेपाल के रेलकर्मियों को प्रशिक्षण प्रदान करने का भी निर्णय किया गया है. नेपाल के सुदूर पश्चिमी क्षेत्र से संपर्क को बढ़ावा देने के लिए शिरशा और जुलाघाट में और दो पुल बनाए जाएंगे.

आईसीपी बनने से संपर्क होगा सुदृढ़

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि तीन आईसीपी (इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट) के निर्माण से संपर्क सुदृढ़ होगा. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष हमने बिजली क्षेत्र में सहयोग के लिए एक ऐतिहासिक दृष्टिपत्र दस्तावेज अपनाया था. इसे आगे बढ़ाते हुए आज भारत औऱ नेपाल के बीच दीर्घकालीन बिजली व्यापार समझौता किया गया है. इसके अंतर्गत हमने आने वाले 10 वर्षों में नेपाल से 10,000 मेगावाट बिजली का आयात करने का लक्ष्य रखा है.

मोतिहारी-अमलेहगंज पाइपलाइन का होगा विस्तार

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मोतिहारी अमलेहगंज पाइपलाइन के सकारात्मक प्रभाव को देखते हुए इस पाइपलाइन को चितवन तक ले जाने का निर्णय किया गया है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा, सिलीगुड़ी से पूर्वी नेपाल में झापा तक और एक नई पाइपलाइन भी बिछाई जाएगी. साथ साथ चितवन और झापा में नए स्टोरेज टर्मिनल भी लगाए जाएंगे.

पीएम मोदी ने नौ साल पहले दिया था हिट फॉर्मूला

पीएम मोदी ने नौ साल पहले प्रधानमंत्री का पदभार संभालने के बाद नेपाल के साथ संबंधों को मजबूत करने में अपनी प्राथमिकता का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, ‘मुझे याद है, नौ साल पहले 2014 में पदभार संभालने के तीन महीने के भीतर मैंने नेपाल की अपनी पहली यात्रा की थी. उस समय मैंने भारत-नेपाल संबंधों के लिए ‘हिट’ फॉर्मूला दिया था- राजमार्ग, आई-वे और ट्रांस-वे.’

भारत-नेपाल के धार्मिक-सांस्कृतिक संबंध पुराने

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैंने कहा था कि हम भारत और नेपाल के बीच ऐसे संबंध स्थापित करेंगे कि हमारी सीमाएं हमारे बीच बाधा न बनें. उन्होंने कहा कि उन्हें नौ साल बाद यह कहते हुए गर्व महसूस हो रहा है कि ‘हमारी साझेदारी वास्तव में हिट’ रही है. उन्होंने कहा कि भारत और नेपाल के धार्मिक और सांस्कृतिक संबंध बहुत पुराने और मजबूत हैं. इस सुन्दर कड़ी को और मजबूती देने के लिए प्रधानमंत्री प्रचंड और मैंने निश्चय किया है कि रामायण सर्किट से संबंधित परियोजनाओं में तेजी लाई जानी चाहिए.

भारत-नेपाल के रिश्तों की हुई व्यापक समीक्षा : प्रचंड

वहीं, नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल प्रचंड ने अपनी टिप्पणियों में कहा कि उन्होंने और मोदी ने संबंधों में प्रगति की ‘व्यापक समीक्षा’ की और संबंधों एवं सहयोग को और मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई. नेपाली प्रधानमंत्री ने कहा कि वह मोदी की ‘पड़ोस पहले की नीति’ की सराहना करते हैं. उन्होंने कहा कि नेपाल और भारत के बीच संबंध सदियों पुराने और बहुआयामी हैं. यह संबंध एक तरफ सभ्यतागत, सांस्कृतिक और सामाजिक-आर्थिक संबंधों की समृद्ध परंपरा से निर्मित ठोस नींव पर खड़ा है, तो दूसरी तरफ संप्रभु समानता, आपसी सम्मान, समझ और सहयोग के समय की कसौटी पर खरे उतरे सिद्धांत के प्रति दोनों देशों की दृढ़ प्रतिबद्धता पर खरा है.

नेपाल के साथ 10 मुद्दों पर बातचीत

प्रचंड ने कहा कि दोनों पक्षों ने व्यापार, ट्रांजिट, निवेश, पनबिजली, बिजली व्यापार, सिंचाई, बिजली पारेषण लाइन, पेट्रोलियम पाइपलाइन के विस्तार, एकीकृत जांच चौकी और भूमि और हवाई संपर्क सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में भारत के आर्थिक और विकास परिदृश्य के उल्लेखनीय बदलाव को देखकर खुश हैं. मैं कई मोर्चों पर दूरगामी उपलब्धियों के साथ सरकार में नौ साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री मोदी को बधाई देता हूं.

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नेपाल के साथ भारत का बेटी-रोटी का संबंध

नेपाल क्षेत्र में अपने समग्र रणनीतिक हितों के संदर्भ में भारत के लिए महत्वपूर्ण है और दोनों देशों के नेताओं ने अक्सर सदियों पुराने ‘रोटी-बेटी’ संबंधों पर ध्यान दिया है. यह दोनों देशों के लोगों के बीच ब्याह-शादी के रिश्तों को संदर्भित करता है. नेपाल पांच भारतीय राज्य सिक्किम, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के साथ 1,850 किलोमीटर से अधिक सीमा साझा करता है. चारों ओर से जमीन से घिरा नेपाल वस्तुओं और सेवाओं के परिवहन के लिए भारत पर बहुत अधिक निर्भर करता है. समुद्र तक नेपाल की पहुंच भारत के माध्यम से है और वह भारत से तथा उससे होते हुए अपनी आवश्यकताओं का एक प्रमुख अनुपात आयात करता है. साल 1950 की भारत-नेपाल शांति और मैत्री संधि दोनों देशों के बीच विशेष संबंधों का आधार है.

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