भारत में अब ऐसी वैक्सीन भी आ रही जिसके तीन टीके लेने होंगे . भारतीय कंपनी जायडस कैडिला ने अपनी वैक्सीन ZyCOV-D ने आपातकालिन इस्तेमाल के लिए मंजूरी मांगी है. इस वैक्सीन में बहुत कुछ खास है और यह दूसरों से अलग है. बच्चों के लिए इस वैक्सीन को सुरक्षित बताया जा रहा है. यह पहली पालस्मिड DNA वैक्सीन है.
इस वैक्सीन में इंसानी शरीर में वायरस के उस हिस्से के आनुवंशिक कोड (डीएनए या आरएनए) को भेजा जाता है जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को उत्तेजित करती है. यह वायरस को पहचानकर उससे लड़ने के लिए एंटीजन पैदा करता है.
इस वैक्सीन को लेने का तरीका भी दूसरों से काफी अलग है. बिना सुई की मदद से इसे फार्माजेट तकनीक से लिया जाता है. इस तरीके से इसके साइड इफेक्ट का खतरा भी कम हो जाता है.
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इसके तीसरे चरण का भी ट्रायल पूरा हो चुका है. इस वैक्सीन की ट्रायल में 28 हजार लोगों ने हिस्सा लिया था जो अबतक का भारत में किसी भी वैक्सीन का सबसे बड़ा ट्रायल है. वैक्सीन कोरोना के नये वेरिएंट पर भी असरदार बतायी जा रही है.
सुई का इस्तेमाल किये गये बिना इसकी खुराक दी जा सकती है हालांकि इस वैक्सीन की तीन डोज लेनी होगी. इस वैक्सीन को रखने के लिए बड़े कोल्ड स्टोरेज की भी जरूरत नहीं है इसकी थर्मोस्टेबिलिटी अच्छी है.
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जायकोव-डी की तीन खुराकें लेनी होंगी, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इनके बीच कितना अंतर रखा जाएगा. राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) के प्रमुख डॉ. एनके अरोड़ा ने बताया कि परीक्षण जुलाई अंत तक पूरा हो जाएगा और अगस्त तक इस्तेमाल के लिए इसके उपलब्ध होने की पूरी संभावना है.