सोनिया गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठाने पर भड़के अधीर रंजन चौधरी, कहा- कपिल सिब्बल कहां के नेता?

यूपी और पंजाब समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस करारी हार का सामना करना पड़ा है. कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेता पार्टी को मिली इस हार के पीछे के कारणों को लेकर एक ओर जहां मंथन करने में जुटे है. वहीं, दूसरी ओर पार्टी के भीतर इसको लेकर कलह शुरू हो गई है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 16, 2022 3:51 PM
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Congress Conflict यूपी और पंजाब समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस करारी हार का सामना करना पड़ा है. कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेता पार्टी को मिली इस हार के पीछे के कारणों को लेकर एक ओर जहां मंथन करने में जुटे है. वहीं, दूसरी ओर पार्टी के भीतर इसको लेकर कलह शुरू हो गई है. जी23 के नेताओं ने भी कई सवाल खड़े किए. इसी बीच, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने गांधी परिवार के नेतृत्व में विश्वास रखने वाले नेताओं पर तीखा हमला बोला है. जिसको लेकर कांग्रेस की ओर से उनपर भी पलटवार किया गया हैं.

एसी रूम में बैठकर इंटरव्यू देने का क्या फायदा

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने यहां तक कहा कि कपिल सिब्बल कहां के नेता हैं, मुझे पता नहीं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के कारण उन्होंने बहुत प्रगति की. कांग्रेस अच्छी थी, कांग्रेस की चीजें अच्छी थीं जब वह यूपीए सरकार में मंत्री थे, अब जब यूपीए सत्ता में नहीं है तो उन्हें कांग्रेस खराब महसूस हो रही है. कपिल सिब्बल की ओर से सोनिया गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठाने पर भड़के अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि उन्हें उदाहरण पेश करना चाहिए कि वह कांग्रेस के समर्थन के बिना कुछ कर सकते हैं. सवाल करते हुए अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि अपनी विचारधारा के लिए अपने दम पर लड़ सकते हैं, नहीं तो सिर्फ एसी रूम में बैठकर इंटरव्यू देने का क्या फायदा.

मुझे नहीं पता, कपिल सिब्बल का क्या है जनाधार

कपिल सिब्बल पर हमला जारी रखते हुए अधीर रंजन ने आगे कहा कि उन्हें सत्ता से बाहर रहने की आदत नहीं है. इस कारण वे आलोचना करते हुए खुद को बचाने की कोशिश कर रहे हैं. मुझे नहीं पता कि कपिल सिब्बल का जनाधार क्या है. वहीं, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी कपिल सिब्बल पर निशाना साधते हुए कहा कि वे भले ही एक अच्छे वकील हों, लेकिन वह कांग्रेस पार्टी के अच्छे नेता नहीं हैं. वह कभी किसी गांव में कांग्रेस के लिए काम करने नहीं गए और जानबूझकर पार्टी को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं. सोनिया गांधी या कांग्रेस पार्टी को कोई कमजोर नहीं कर सकता.

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