Biological E Covid Vaccine: 12 से 18 आयु वर्ग को जल्द मिलेगी Corbevax वैक्सीन, इमरजेंसी यूज की सिफारिश!
Biological E Covid Vaccine कोर्बेवैक्स वैक्सीन को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है. सरकारी पैनल ने कुछ शर्तों के साथ 12 से 18 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों के लिए बायोलॉजिकल-ई के Corbevax वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की सिफारिश की है.
Biological E Covid Vaccine बायोलॉजिकल-ई के कोविड-19 वैक्सीन कोर्बेवैक्स को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है. बताया जा रहा है कि सरकारी पैनल ने कुछ शर्तों के साथ 12 से 18 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों के लिए बायोलॉजिकल-ई के Corbevax वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की सिफारिश की है. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है.
देश का पहला आरबीडी प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन
इससे पहले बायोलॉजिकल-ई ने भारत के औषधि नियामक से 12 से 18 साल के आयु वर्ग में अपने कोविड-19 वैक्सी कोर्बेवैक्स के आपात इस्तेमाल की मंजूरी देने की मांग की है. भारतीय औषधि महानियंत्रक (DGCI) ने 28 दिसंबर को वयस्कों में आपात स्थिति में कोर्बेवैक्स के सीमित इस्तेमाल की मंजूरी दे दी थी. यह वैक्सीन कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ स्वदेशी रूप से विकसित देश का पहला आरबीडी प्रोटीन सब-यूनिट टीका है.
Govt panel recommends emergency use authorisation to Biological E's COVID-19 vaccine, Corbevax, for age group 12 to 18 years subject to certain conditions: Official sources
— Press Trust of India (@PTI_News) February 14, 2022
सितंबर, 2021 में कोर्बेवैक्स के क्लीनिकल परीक्षण की मिली थी मंजूरी
डीजीसीआई को 9 फरवरी को भेजे आवेदन में बायोलॉजिकल-ई के गुणवत्ता एवं नियामक मामलों के प्रमुख श्रीनिवास कोसाराजू ने कहा कि कंपनी को सितंबर 2021 में 15 से 18 साल के बच्चों और किशोरों पर कोर्बेवैक्स का दूसरे एवं तीसरे चरण का क्लीनिकल परीक्षण करने की मंजूरी मिली थी. उन्होंने कहा कि अनापत्ति प्रमाणपत्र के आधार पर बायोलॉजिकल-ई ने अक्टूबर 2021 में क्लीनिकल परीक्षण शुरू किया. दूसरे एवं तीसरे चरण के उपलब्ध सुरक्षा और प्रतिरोधक क्षमता संबंधी परिणामों को आंका गया. जिससे संकेत मिलता है कि टीका सुरक्षित और प्रभावी है.
मांसपेशियों के रास्ते लगाया जाता है कोर्बेवैक्स टीका
कोर्बेवैक्स टीका मांसपेशियों के रास्ते लगाया जाता है और इसकी दो खुराक 28 दिनों के अंतराल पर दी जाती है. इसे 2 से 8 डिग्री सेल्सियस पर संरक्षित किया जाता है. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, बायोलॉजिकल-ई ने भारत में पहले एवं दूसरे तथा दूसरे व तीसरे दौर का क्लीनिकल परीक्षण किया है. मंत्रालय ने कहा कि इसके अलावा कंपनी ने कोविशील्ड के मुकाबले इसकी श्रेष्ठता का मूल्यांकन करने के लिए तीसरे चरण का सक्रिय तुलनीय क्लीनिकल परीक्षण भी किया है.